उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वह एक सवाल पूछे जाने पर बुरी तरह भड़कते दिखाई दे रहे हैं। इतना ही नहीं, सवाल सुनकर अखिलेश यादव इतने भड़क गए कि उन्होंने भाषा की मर्यादा का भी ख्याल नहीं रखा।
चुनावी सभा को संबोधित करने मध्य प्रदेश के पन्ना पहुंचे अखिलेश यादव से एक पत्रकार ने सवाल पूछा, ‘योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आप टोंटी चोर हैं। अखिलेश यादव ने इस पर जवाब देते हुए कहा, ‘तुम पत्रकार नहीं हो। तुम ये चश्मा लगाए, बीजेपी के एजेंट हो बेटा।’ अखिलेश यादव ने पत्रकार का नाम पूछा तो उसने बताया कि ‘मेरा नाम नूर काजी है।’
अखिलेश ने इस पर अपने सहयोगियों से पत्रकार की तस्वीर खींचने के लिए कहा। अखिलेश ने कहा, ‘मुस्लिम हो आप, ऐसी भाषा होती है मुसलमानों की क्या? तुम तो बिके हुए हो.. पता नहीं तुम पत्रकार हो भी या नहीं.. जब मैंने सीएम आवास छोड़ा था तो बीजेपी ने इसे धुलवाया था।’ इतना ही नहीं, समाजवादी पार्टी के ट्विटर हैंडल से पत्रकार की तस्वीर को शेयर कर मध्य प्रदेश पुलिस से कार्रवाई की मांग की गई।
हालांकि पत्रकार का कहना है कि वह पत्रकारिता कर रहे हैं। पत्रकार ने कहा कि मेरा शौक है पत्रकारिता और मैं कोई भी चश्मा पहन सकता हूं। सोशल मीडिया पर अखिलेश यादव का वीडियो वायरल हो रहा है, जिस पर लोगों की खूब प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। अभिषेक शुक्ल ने लिखा, ‘अखिलेश यादव कितने बड़े जातिवादी नेता हो सकते हैं इसका आप पत्रकार का पूरा नाम जानने की इच्छा से साफ जाहिर हो गया हैl इसीलिए बार-बार कहता हूं कि समाजवादी पार्टी एक जाति का गिरोह हैं , उससे ज्यादा कुछ नहीं है।’
एक अन्य ने लिखा, ‘अखिलेश यादव को लगा कि सवाल पूछने वाला ये पत्रकार ब्राह्मण होगा लेकिन इस बार दांव उल्टा पड़ गया। ये पत्रकार मुस्लिम निकला, कितना जातीय नफरत भरी है अखिलेश यादव में!’ परवेज अहमद ने लिखा, ‘युवा पत्रकार ने अतिउत्साह में यूपी के सीएम की टिप्पणी बता जो सवाल किया, वह आरोप योगी आदित्यनाथ जी ने कभी लगाया ही नहीं। सवाल से पहले पत्रकार को तथ्य जांचना चाहिए था…अधूरी जानकारी वाले सवाल से पूर्व CM अखिलेश यादव जी भड़के जो स्वाभाविक था, इससे पूरी पत्रकार बिरादरी असहज हुई!’
हालांकि मध्य प्रदेश चुनाव में अखिलेश यादव द्वारा पत्रकार के साथ किए गए इस बर्ताव की खूब चर्चा हो रही है। कुछ लोग अखिलेश यादव के व्यवहार की निंदा कर रहे हैं तो कुछ कह रहे हैं कि उल्टा-सीधा सवाल पूछे जाने पर इस तरह की प्रतिक्रिया स्वभाविक है।
