अग्निपथ योजना का लगातार विरोध हो रहा है। एक तरफ कुछ युवा इस योजना को वापस लेने की मांग कर रहे हैं तो उन्हें कई राजनीतिक दलों का सहयोग भी मिल रहा है तो दूसरी तरफ भाजपा के नेता इस योजना के फायदे गिना रहे हैं। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव लगातार अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। अब अखिलेश ने भाजपा के उन नेताओं पर तंज कसा है, जो इस योजना के फायदे गिना रहे हैं। 

अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, “भाजपा जिस तरह अपने समर्थकों से ‘अग्निवीर’ के तथाकथित फ़ायदे गिनवाने में लगी है, उससे अच्छा होगा कि भाजपा अपने उन सदस्यों-समर्थकों की सूची जारी करे, जो इस योजना में अपने बच्चों को भेज रहे हैं। प्रवचन देने से अच्छा है भाजपाई ख़ुद उदाहरण पेश करें। भाजपा युवाओं का अपमान बंद करे।”

अखिलेश यादव के इस ट्वीट पर तमाम लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। देवेश सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि ‘विपक्ष के नेताओं को चाहिए कि वे अपने बच्चों को अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर बनाने के लिए सेना में भेजें और भाजपा के मुंह पर करारा तमाचा मारे?’ मीना नाम की यूजर ने लिखा कि ‘आप अपने समर्थकों को सौगंध दे दो, उनसे लिखवा लो कि वह अग्निवीर नहीं बनेंगे।’

विशाल सिंह ने लिखा कि ‘कोई जबरदस्ती नहीं है भईया जी, सरकार पैर नहीं पकड़ रही है कि चलो अग्निवीर बन जाओ। जिन्हें लगता है कि अग्निवीर बहुत खराब योजना है, वह इसका बहिष्कार करने के लिए स्वतंत्र हैं।’ सूरज कुशवाहा ने लिखा कि ‘ये वही हैं ना जो कहते हैं कि भाजपा की वैक्सीन हैं मत लगवाना, हमारी सरकार आएगी तो सबको फ्री वैक्सीन लगवा आएंगे!’ 

गोविंद नागर ने लिखा कि ‘कभी सड़क पर भी उतरेंगे कि सिर्फ ट्वीटरवीर बने रहेंगे। सड़क पर EVM बैन करने की मुहिम चलाइए नहीं तो इस बार लोकसभा में एक भी सीट नहीं निकलेगी।’ सुनीत नाम के यूजर ने लिखा कि ‘अगर भारतीय सेना के बड़े-बड़े अधिकारी इसके फायदे बता रहे हैं तो क्या वह भाजपा के समर्थक हो गए?’आखिर हार का सदमा कब दूर होगा? कब तक चुनाव में पराजय के कारण देश के बारे में उल्टा सोचते रहेंगे आप?

बता दें कि अखिलेश यादव ने अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग करते हुए कहा था कि ‘अग्निपथ’ की नीति सरकार ने बनायी है। अतः सरकार व सत्ताधारी दल के प्रवक्ता किसी और को आगे न करें। अमीर उद्योपतियों की आय की सुरक्षा से अधिक ज़रूरी है देश की सुरक्षा इसीलिए जो भी बजट कम पड़ रहा है उसके लिए सरकार कॉरपोरेट पर अतिरिक्त कर लगाए परंतु देश की सुरक्षा के साथ समझौता न करे।