यूपी पुलिस ने लोक गायिका नेहा सिंह राठौड़ को उनके गाने ‘यूपी में का बा’ सीजन – 2 को लेकर नोटिस दिया है। इसको लेकर समाजवादी पार्टी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर कटाक्ष किया है। वहीं, आम सोशल मीडिया यूज़र्स भी यूपी पुलिस से कई तरह के सवाल किये हैं।
यूपी पुलिस ने नेहा सिंह राठौड़ को दिया नोटिस
यूपी पुलिस नेहा सिंह राठौड़ को नोटिस देने पहुंचीं तो उन्होंने एक वीडियो भी बना लिया। वीडियो शेयर करते हुए नेहा ने बताया, ‘यू पी में का बा!’ पर पुलिस का नोटिस। उत्तर प्रदेश पुलिस की सक्रियता की दाद देनी पड़ेगी। कल कानपुर देहात पुलिस मेरे घर अंबेडकर नगर जाकर मेरे ससुर जी को नोटिस थमा आई, और आज ये लोग दिल्ली भी पहुंच गए।”
सपा ने योगी सरकार पर साधा निशाना
इस मामले पर सपा ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा,“यूपी में का बा लोकगायन से BJP सरकार को आईना दिखाने वाली लोकगायिका नेहा सिंह राठौर को BJP शासित योगी सरकार ने पुलिस का नोटिस भेजा है। निश्चित ही BJP सरकार का चेहरा बदसूरत ,क्रूर तथा वहशी है। इसीलिए ये सरकार आईने से डरती है और आईना दिखाने वालों को नोटिस/जेल भेजती है। शर्म करे BJP।”
वहीं, अखिलेश यादव ने ट्वीट किया – अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि यूपी में का बा, यूपी में झुठ्ठे केसों की बहार बा, यूपी में गरीब-किसान बेहाल बा, यूपी में पिछड़े-दलितों पर प्रहार बा, यूपी में कारोबार का बंटाधार बा, यूपी में भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार बा, यूपी में बिन काम के बस प्रचार बा, यूपी में अगले चुनाव का इंतज़ार बा, यूपी में अगली बार भाजपा बाहर बा।
सोशल मीडिया यूज़र्स ने किये ऐसे कमेंट्स
सपा नेता राजीव रॉय ने कमेंट किया,”ये बाबा की ठाँय – ठाँय पुलिस है, बुलडोज़र भी भेज सकते हैं, लेकिन आपके जज़्बे को सलाम, आप राज कवि नहीं बनी।” @iamAshwiniyadav नाम के एक ट्विटर हैंडल से लिखा गया- अब ये ही सब काम रह गया है up की पुलिस के पास क्या..? ग़लत जगह पर ऊर्जा ख़त्म करने की आदत सी हो गयी है। @HansrajMeena नाम के एक यूजर द्वारा लिखा गया,”एक लोक गायिका की लोकतंत्र में इस प्रकार आवाज दबाने की हिम्मत कैसे हो गई? यूपी पुलिस और योगी आदित्यनाथ को धिक्कार देता हूं।”
@MandalArmy_ नाम के एक यूजर ने लिखा- नेहा एक “नोटिस” पर भी “नोटिस” हो जाए। @BeingRohitYadav नाम के एक यूजर द्वारा कमेंट किया गया,”लोकतंत्र में सब को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार होता है। “सरकारी कवि” और “लोक कवि” में यही अंतर होता है।” @kuldeepYadavSP_ नाम के एक यूजर ने लिखा- आज आपातकाल में मुंह खोलने पर नोटिस, FIR,जेल,बुलडोजर जिंदा जला देना,पुलिस द्वारा पीट पीट कर हत्या कर देना मोदी/आदित्यनाथ सरकार का अहम हथियार बन गया है। गोदी मीडिया कहां है..?