समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही योगी आदित्यनाथ सरकार पर जमकर हमला बोला। मानसून सत्र के आखिरी दिन यानी शुक्रवार को वॉक आउट कर सरकार के खिलाफ सड़क पर आ गए। इसको लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
सदन से किया वॉकआउट
अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर बरसते हुए कहा कि जनहित से जुड़े मुद्दों को लेकर किए गए प्रश्नों का जवाब अभी तक सरकार की ओर से नहीं दिया गया है। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि केवल 4 दिन सदन चला है और कई सवालों पर अभी तक कोई भी जवाब नहीं मिला। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की फीस बढ़ाने के मामले को उठाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार छात्रों के साथ अच्छा नहीं कर रही। इस दौरान जब विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने उन्हें रोका तो वह अपने विधायकों के साथ वहां से वॉकआउट कर दिया।
सड़क पर उतरे सपा प्रमुख
सदन से वॉकआउट के बाद अखिलेश यादव पैदल ही सड़क की ओर चल दिए। उनके साथ सपा विधायक भी हाथों में महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर सवाल करते कुछ कार्ड लिए हुए थे। जानकारी के लिए बता दें कि मानसून सत्र के पहले दिन ही अखिलेश यादव सपा कार्यालय से सदन के लिए पैदल मार्च निकाल रहे थे लेकिन यूपी पुलिस ने उन्हें रोक लिया था। पुलिस की ओर से कहा गया था कि उन्होंने पैदल मार्च यात्रा की इजाजत नहीं ली थी।
लोगों की प्रतिक्रियाएं
अखिलेश यादव सड़क पर दिखाई तो कुछ लोग उनकी तारीफ करते हुए कमेंट करने लगे तो वहीं कुछ लोगों ने खिंचाई भी की है। दरअसल, अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से तीन तस्वीरें शेयर कर लिखा, ‘जनता के मुद्दों पर जब हम सड़क पर आते हैं, अहंकारी सत्ता को तक जनता की याद दिलाते हैं।’
विजय शर्मा नाम के ट्विटर यूजर कमेंट करते हैं कि ओमप्रकाश राजभर के एसी वाले ताने का असर साफ दिखाई दे रहा है, भैया धूप में काया जला रहे हैं। रविंद्र शुक्ला नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘ निकलो बंद मकानों से और एसी वाले कमरों से। आलीशान दफ्तरों और मर्सिडीज की सीट से और जनता की आवाज बनो। तभी जनता आपको अपना नेता मानेगी।
अशोक कुमार पांडे नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा कि विपक्ष ने सड़क की राह देख ली है। खुशी की बात है, स्वागत की बात है। नेहा त्रिपाठी नाम की एक ट्विटर यूजर लिखती हैं – अब सब सड़क पर निकल रहे हैं, राहुल जी वाला तरीका अपनाया जा रहा है। शेखर सिंह नाम के एक यूजर ने चुटकी लेते हुए लिखा कि कुछ देर की पदयात्रा के बाद ही अखिलेश कहने लगे होंगे कि भाई हमारी गाड़ी लाओ। राजनीति हमारे बस की नहीं है।