World Press Freedom Index यानी प्रेस की आजादी के मामले में भारत के पायदान में आठ अंकों की गिरावट हुई है और अब भारत 150वें पायदान पर पहुंच गया है। 180 देशों की इस लिस्ट में पहले भारत 142वें स्थान पर था। प्रेस की आजादी की रैंकिंग में आई गिरावट पर समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने तंज कसा है। अखिलेश यादव ने ट्विटर पर मीडिया की आजादी से जुड़ी एक खबर को शेयर किया है।

खबर शेयर करते हुए अखिलेश यादव ने ट्विटर पर लिखा कि “बेड़ी, हथकड़ी, पिंजरे, कोड़े और लगाम, बिकी खबरों को मिलता है बस ये इनाम।” अखिलेश यादव के इस ट्वीट पर कुछ लोग अखिलेश यादव को खुद का चैनल खोलने की सलाह दे रहे हैं तो कुछ अखिलेश यादव की हां में हां मिलाते हुए सरकार पर हमला बोल रहे हैं।

लोगों की प्रतिक्रियाएं: राघवेंद्र प्रताप सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि ‘आप भी तो चुनाव के समय पत्रकारों से अपने पक्ष में अच्छा लेख लिखने के एवज में यश भारती पुरस्कार देने का वादा किये थे।’ प्रज्वल कुमार नाम के यूजर ने लिखा कि ‘कुछ दलाल पत्रकार पैसों में बिक गए, देश की मीडिया आज कहां से कहां पहुंच गई। अगर ऐसा ही चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं, जब पत्रकार पत्रकारिता छोड़कर बेरोजगार घूमेंगे।’

चौधरी सिरवी नाम के यूजर ने लिखा कि ‘आप तो स्वतंत्र पत्रकार बन गए हो, अपना न्यूज चैनल खोल लो और जो दिखाना है दिखाओ। अगर जनता विश्वास करें तो। वैसे भी अब मुख्यमंत्री तो बनने से रहे।’ एक अन्य यूजर ने लिखा कि ‘कृपया अपना एक न्यूज चैनल खोल लें।’ विश्वास नाम के यूजर ने लिखा कि ‘तुम वो सब छोड़ो समाजवादी पार्टी खत्म हो रही है वो देखो, शिवपाल यादव धमाका करने वाले हैं।’

गोपाल यादव नाम के यूजर ने लिखा कि ‘ये सिर्फ प्रेस ही नहीं, बल्कि भारत के लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय है।’ एक यूजर ने लिखा कि ‘देखो कौन बोल रहा है, जिसकी सरकार में पत्रकारों को जिंदा जला दिया जाता था लेकिन शायद ये भूल गए हैं।’ अमन नाम के यूजर ने लिखा कि ‘अगर आप पीएम होते तो विश्व रैंकिंग में भारत की पत्रकारिता नंबर वन पर होती।’

बता दें कि पिछले दिनों प्रेस की आजादी से जुड़ी एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसके अनुसार भारत, प्रेस की आजादी के मामले में 150वें स्थान पर है। जबकि चीन और पाकिस्तान की स्थिति और खराब है। प्रेस की स्वतंत्रता के मामले में पाकिस्तान 157वें, श्रीलंका 146वें, बांग्लादेश 162वें, म्यांमार 176वें और चीन 175वें नंबर पर है, जबकि नेपाल की रैंकिंग में सुधार हुआ है। इस बार नेपाल 76 वे नंबर पर पहुंच गया है। पिछले साल नेपाल 106वें पायदान पर था।