बीजेपी से निष्कासित नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर कथित तौर पर की गई विवाद पर टिप्पणी के मामले में 10 जून को जुमे की नमाज के बाद देश के कई शहरों में उपद्रवियों ने प्रदर्शन और तोड़फोड़ की। ऐसे में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने में लगी हुई है। इसी कड़ी में प्रयागराज हिंसा के मुख्य आरोपी जावेद पंप के घर पर बुलडोजर चलाया गया। जिस पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने अपनी प्रतिक्रिया दी।

अखिलेश यादव ने यूं साधा निशाना : नेता प्रतिपक्ष ने एक वीडियो शेयर कर खराब कानून व्यवस्था पर कटाक्ष करते हुए कहां की कुछ नहीं चाहिए ऐसी हवालात पर सवालात, नहीं तो इंसाफ खो देगा अपना इकबाल। उन्होंने यह भी लिखा कि यूपी हिरासत में मौतों के मामले में नंबर एक, यूपी मानवाधिकार हनन में अव्वल, यूपी दलित उत्पीड़न में सबसे आगे।

ये कहां का इंसाफ है : उन्होंने प्रयागराज में मुख्य आरोपी के घर चलाए गए बुलडोजर के विषय पर लिखा कि ये कहां का इंसाफ़ है कि जिसकी वजह से देश में हालात बिगड़े और दुनिया भर में सख़्त प्रतिक्रिया हुई वो सुरक्षा के घेरे में हैं और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को बिना वैधानिक जांच पड़ताल बुलडोज़र से सज़ा दी जा रही है। इसकी अनुमति न हमारी संस्कृति देती है, न धर्म, न विधान, न संविधान।

नेता प्रतिपक्ष ने शेयर की यह शायरी : अखिलेश यादव द्वारा सोशल मीडिया हैंडल से लिखा गया, ‘अब अजायब-घर में ले जाकर रख दो ‘इंसाफ की तराजू’ को और कर दो ऐलान हुक्मरानों ने ही ले लिया है कानून हाथों में।’ सपा प्रमुख द्वारा किए गए इस ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स उन्हें जमकर ट्रोल करते नजर आ रहे हैं। यूजर्स का कहना है कि जब विपक्ष को सड़कों पर होना चाहिए तो वह केवल ट्वीट कर रहे हैं।

यूजर्स ने किया ट्रोल : मुन्ना खान नाम के एक यूजर ने लिखा कि सिर्फ ट्वीट कर देने से कुछ नहीं होता। कानून और संविधान बचाने के लिए सड़कों पर संघर्ष करना पड़ता है। सिकंदर अली नाम के एक यूजर ने कमेंट किया, ‘ सिर्फ शायरी से कुछ नहीं होगा, जमीन पर कुछ करो।’ तौसीफ रजा नाम के एक यूजर लिखते हैं कि अखिलेश यादव जी सिर्फ ट्विटर पर कुछ नहीं होगा, कम से कम लोगों की लड़ाई के लिए सड़क पर तो आइए।’ अनुभव नाम के एक यूजर लिखते हैं कि क्या ट्विटर पर ही सरकार बनाएंगे?