प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (14 सितंबर) को मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित दाऊदी बोहरा समुदाय के धर्मगुरु सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद देश की सियासी सरगर्मी काफी बढ़ गई है। एक ओर एनडीए नेता इसे पीएम मोदी के ‘सबका साथ-सबका विकास’ इरादे के साथ की गई मुलाकात बता रहे हैं, तो विपक्षी पार्टियां इसे वोट बैंक की राजनीति बता रही है। शुक्रवार की शाम न्यूज 18 चैनल पर इसी मुद्दे को लेकर एक डिबेट का आयोजन किया गया। इस डिबेट में शामिल होने के लिए भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता डॉ. सांबित पात्रा, एआईएमआईएम के प्रवक्ता असीम वकार, एमपीसीआई के अध्यक्ष तसलीम रहमानी, मुसलिम कारोबारी जफर सरेशवाला, बोहरा समुदाय के अब्बास अली बोहरा, इस्लामिक स्कॉलर रिजवान अहमद आए।
डिबेट के दौरान अचानक एक फोन आने पर एआईएमआईएम के प्रवक्ता असीम वकार बिना कुछ कहे डिबेट से चले गए। एआईएमआईएम के प्रवक्ता के इस तरह चले जाने पर एंकर ने कहा, “आज सेक्युलरिज्म के चेहरे का पर्दाफाश कैसे हुआ है, यह देखने वाला है। असीम वकार थोड़ी देर पहले डिबेट में थे, लेकिन अब वे चले गए हैं क्योंकि उनकी पार्टी उनको इजाजत नहीं दे रही है कि इस विषय पर कुछ बोलें। अभी राम मंदिर का मुद्दा होता तो खुली बहस होती। आज नरेंद्र मोदी के सेक्युलरिज्म पर बहस हो रही है, तो असीम वकार उठ के चले गए। अगर राम मंदिर पर डिबेट होती तो वे बैठे रहते।”
डिबेट के दौरान भाजपा प्रवक्ता सांबित पात्रा ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा बोहरा समुदाय के कार्यक्रम में जाना एक बड़ा कदम है। बोहरा समुदाय के साथ मोदी जी का संबंध काफी पुराना रहा है। पीएम मोदी ने भी कार्यक्रम में भी कहा कि मुझे ऐसा लगा कि मैं पुराने परिवेश में वापस आ गया हूं। मोदी जी प्रोग्रेसिव विचारों की राजनीति करते हैं। वे टोपी पहनना और तिलक लगाने की राजनीति नहीं करते। वे लोगों को आगे बढ़ाने की राजनीति करते हैं। कांग्रेस केवल सिंबॉलिजम की राजनीति करती रही, यही वजह है कि सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार मुसलमान आज भी पिछड़े हुए हैं।”
तसलीम रहमानी ने कहा, “मोदी जी के इस कार्यक्रम से किसी भी सेक्युलरिज्म में मुंह पर ताला नहीं लगा है। मध्य प्रदेश के चुनाव से एक महीने पहले वहां जाना, बोहरा समुदाय को लुभाने की कोशिश है। यह एक कारोबारी समुदाय है। मोदी जी को खुशफहमी हो सकती है कि वे टूट जाएंगे। लेकिन ऐसा नहीं होगा। चुनाव के समय यह साफ तौर पर पता चल जाएगा। मोदी जी पहले प्रधानमंत्री नहीं हैं, इससे पहले भी कई प्रधानमंत्री ऐसे कार्यक्रम में जाते रहे हैं। बोहरा समुदाय ने भी यह साफ कर दिया है कि इसका राजनीति से कोई वास्ता नहीं है।” बता दें कि बोहरा समुदाय के कार्यक्रम में पहुंचे पीएम मोदी ने कहा कि बोहरा समुदाय से मेरा पुराना रिश्ता रहा है। यह समुदाय सबको साथ लेकर चलता है। देश के लिए कैसे जीया जाता है, यह इस समुदाय ने सिखाया। गुजरात में हर जगह बोहरा समुदाय हैं। वे अपनी ताकत से सबको परिचित करा रहे हैं।