आम आदमी पार्टी के नेताओं ने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना पर कथित तौर पर 1400 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया था। आप नेताओं ने उपराज्यपाल पर आरोप लगाया है कि खादी ग्राम उद्योग का चेयरमेन रहते हुए उपराज्यपाल ने नोटबंदी के दौरान नोट बदलवाने को लेकर भ्रष्टाचार किया था। उपराज्यपाल ने आप नेताओं को नोटिस भेजा था जिसे संजय सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में फाड़ दिया।

एलजी ने आप नेताओं को भेजा था नोटिस

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने आम आदमी पार्टी, आतिशी, दुर्गेश पाठक, सौरभ भारद्वाज, संजय सिंह और जैस्मीन शाह से अगले 48 घंटे में जवाब मांगा था, वरना आगे कानूनी रूप से कदम उठाने की बात कही गई थी। उपराज्यपाल के खिलाफ दिल्ली विधानसभा में नारे लगाए गए थे और ट्विटर पर हैशटैग भी चलाया गया था।

संजय सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में फाड़ी नोटिस

आप नेताओं को उपराज्यपाल के नोटिस का जवाब देना था लेकिन आप राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने एक प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर नोटिस को फाड़ दिया। उन्होंने कहा कि अगर जरा सी भी ईमानदारी मोदी सरकार में है तो एलजी को तुरंत हटाकर उनके खिलाफ ईडी और सीबीआई की जांच करवा दी जाए। वीके सक्सेना को मैं कहना चाहता हूं कि संविधान मुझे सच बोलने का अधिकार देता है। इसके बाद उन्होंने कहा कि ऐसे नोटिस को दस बार फाड़ कर फेंकता हूं। प्रेस कांफ्रेंस संजय सिंह ने नोटिस को फाड़ दिया। 

दिल्ली भाजपा प्रवक्ता अजय शेरावत ने संजय सिंह के नोटिस फाड़ने पर कहा है कि “ये Notice भेज रहा है”, किसी सड़कछाप की भाषा मे बात करते हुए लीगल नोटिस को मीडिया के सामने फाड़ दिया संजय सिंह ने। @BhardwajPritam2 यूजर आईडी ने लिखा कि AAP के संजय सिंह ने LG के द्वारा भेजे गए लीगल नोटिस को फाड़ा, ये एक शरीफ सांसद का काम नहीं होता।

@RohitCh92235273 यूजर आईडी से लिखा कि अब भाई जी आज कल नेता इतने बड़े हो गए हैं कि किसी कानूनी नोटिस को भी सिनेमा का टिकट समझ कर फाड़ देते हैं। एक अन्य यूजर ने लिखा कि AAP नेता संजय सिंह जनता द्वारा चुना गया सांसद नहीं है इसलिए नोटिस फाड़ने पर इन्हें तुरंत दिल्ली पुलिस को अरेस्ट करना चाहिये, ये जनता को क्या संदेश देना चाहते हैं।

बता दें कि आप आदमी पार्टी के नेताओं ने दिल्ली विधानसभा में उपराज्यपाल पर 1400 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाया था। आरोप लगाया कि खादी ग्रामोद्योग आयोग अध्यक्ष रहते हुए उपराज्यपाल ने नोटबंदी के दौरान घोटाला किया था।