देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले के प्राचीर से परिवारवाद को लेकर निशाना साधा। पीएम द्वारा दिए गए बयान पर विपक्षी दल कई तरह के सवाल उठा रहे हैं। इस बीच आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए एक ट्वीट किया। संजय सिंह के ट्वीट पर आम सोशल मीडिया यूजर्स ने कई तरह की प्रतिक्रियाएं दी।

संजय सिंह ने किया यह पोस्ट

संजय सिंह ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा, ‘प्रधानमंत्री जी परिवारवाद निश्चित रूप से देश के लिए घातक है लेकिन दोस्तवाद ने तो देश को बर्बाद कर दिया। आप इस पर खामोश क्यों रहे? कृपया बताइए सर, आपने अपने दोस्तों को 10 लाख करोड़ का कर्ज क्यों माफ किया? अपने दोस्तों का 5 लाख करोड़ टैक्स क्यों माफ किया?’

आम यूजर ने किए ऐसे कमेंट्स

चंदन कुमार ओझा नाम के ट्विटर यूजर ने कमेंट किया कि सही पकड़े हैं, इन सवालों का जवाब प्रधानमंत्री जी को देना होगा। आम जनता के पैसे नीलाम और दोस्तों के कर्ज माफ क्यों हुआ? पूछता है भारत। रतन सिंह नाम के एक यूजर ने लिखा – परिवारवाद बीजेपी के मंत्रियों के लिए है और दोस्तवाद माननीय मोदी जी के लिए है। विकास दुबे नाम के एक कमेंट किया, ‘परिवारवाद पर सवाल उठाने वाले लोगों को सिंधिया और अनुराग ठाकुर नहीं दिखाई देते हैं क्या?’

हेमंत कुमार जैन नाम के एक यूजर ने संजय सिंह पर तंज कसते हुए लिखा – जिन उद्योगपतियों की दिन-रात आलोचना करते हैं, उन्हीं के टैक्स से देश की अर्थव्यवस्था सुचारु रुप से चल रही है। अग्रसेन सिंह नाम के एक यूजर कमेंट करते हैं, ‘अगर यह बातें सही है तो प्रधानमंत्री इस बारे में देश को सार्वजनिक रूप से स्पष्टीकरण क्यों नहीं देते हैं, छोटे किसानों का कर्जा द्वारा माफ नहीं किया जा रहा है और देश और दुनिया के अमीरों का कर्ज को माफ किया जा रहा?’ एक अन्य टि्वटर यूजर ने संजय सिंह से सवाल किया कि अगर कर्ज माफी की गई है तो उसका कागज दिखा दो, नहीं दिखा सकते हो तो देश को भ्रमित करना बंद कर दो।

परिवारवाद पर पीएम ने दिया था ऐसा बयान

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम 25 साल के अमृतकाल के लिए चर्चा करते हैं तो उसमें मुसीबतें और चुनौतियां दोनों दिखाई देती हैं। इसमें सबसे ज्यादा दो कुरीतियों पर बात करने की जरूरत है। जिसने पहला भ्रष्टाचार और दूसरा भाई भतीजावाद और परिवारवाद है। उन्होंने कहा कि परिवारवाद की वजह से देश का टैलेंट कहीं खो जाता है। एक तरफ वो लोग हैं जिनके पास रहने के लिए जगह नहीं है और दूसरे ऐसे लोग हैं जिनके पास चोरी का माल रखने के लिए जगह नहीं है।