उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले की सिराथू विधानसभा सीट से यूपी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य चुनाव लड़ रहे हैं। उनके खिलाफ समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर पल्लवी पटेल मैदान में हैं। इसी को लेकर केंद्रीय मंत्री व अपना दल (सोनेलाल पटेल) की नेता अनुप्रिया पटेल से पूछा गया कि क्या अपनी बहन के खिलाफ प्रचार करने में हिचकती हैं? अनुप्रिया ने इसका जवाब दिया।

दरअसल, अनुप्रिया पटेल ‘आज तक’ न्यूज़ चैनल से बात कर रही थी। इस दौरान रिपोर्टर ने उनसे पूछा कि सिराथू सीट आपके लिए कितना महत्वपूर्ण है? इसके जवाब में अनुप्रिया ने कहा, ‘ हमारे लिए सभी 403 सीटें महत्वपूर्ण हैं।’ उन्होंने अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर निशाना साधते हुए कहा कि तीन चरणों में हुए चुनाव में हम लोग साइकिल को पंचर कर चुके हैं।

दोनों बहनें हो गई हैं आमने सामने? : अनुप्रिया पटेल ने इस सवाल पर कहा कि कोई भी कहीं से चुनाव लड़ सकता है लेकिन मैं अपनी बड़ी बहन पल्लवी पटेल से पूछना चाहती हूं कि पिता के आदर्शों के प्रति इतनी प्रतिबद्धता है तो अपना चुनाव चिन्ह होते हुए भी समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के सिंबल पर चुनाव लड़ना उन्होंने स्वीकार क्यों किया? परिवार में बढ़ी तल्खी को लेकर जब उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हमने अपने पिता के सिद्धांतों के साथ न्याय किया है।

बहन के खिलाफ प्रचार करने में है हिचक? – रिपोर्टर के सवाल पर अनुप्रिया पटेल ने कहा कि मैं किसी के खिलाफ प्रचार करने नहीं आईं हूं। उन्होंने अपने पिता को लेकर कहा कि मैं केवल सोनेलाल पटेल की विचारधारा को सड़क से लेकर संसद तक बढ़ाने के लिए काम कर रही हूं। उन्होंने दावा किया कि यूपी की जनता ने तीन चरणों के मतदान में विकास के नाम पर ईवीएम का बटन दबाया है।

सोशल मीडिया यूजर्स की प्रतिक्रिया : अनुप्रिया पटेल के बयान पर धर्मेंद्र यादव नाम के एक यूजर ने कमेंट किया कि आपके पिता जीवित होते तो बीजेपी के साथ कभी भी खड़े ना होते। यूपी में पटेलों के साथ जब दूर व्यवहार होता है तो आप दिखाई नहीं देती हैं। अजय कुमार नाम के एक यूजर ने लिखा – जनता को समझाने के लिए इतने लंबे लंबे भाषण देती हैं। इसी प्रकार अपनी मां और बहन को भी समझा सकती हैं लेकिन उसमें आपका फायदा नहीं है न?