योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे करने का आदेश दिया है। ऐसे में सभी जिलों में अलग-अलग टीमें लगाकर मदरसों का सर्वे किया जा रहा है। इसको लेकर राजनीति भी गर्म है। इस विषय पर हो रही एक टीवी डिबेट के दौरान एंकर अंजना ओम कश्यप ने इस्लामिक स्कॉलर हाजिक खान से कई तरह के सवाल किया।

इस्लामिक स्कॉलर ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर साधा निशाना

‘आज तक’ न्यूज़ चैनल के कार्यक्रम ‘हल्ला – बोल’ में हो रही चर्चा के दौरान हाजिक खान ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हमने मदरसों का सर्वे करने पर कभी ऐतराज नहीं जताया है लेकिन कुछ प्रतिशत बच्चे ही मदरसे में पढ़ते हैं। सरकार को जो बच्चे मदरसे में नहीं पड़ते हैं, उन पर भी ध्यान देने की जरूरत है। यहां की सरकार तो केवल हिंदू – मुसलमान करके अपनी सियासत की रोटी सेंकना चाहती है।

एंकर ने पूछे ऐसे सवाल

इस दौरान एंकर अंजना ओम कश्यप ने पूछा कि मदरसों का सर्वे होना चाहिए या नहीं? इसके जवाब में इस्लामिक स्कॉलर ने कहा, ‘ 16 हजार से अधिक मदरसों का रजिस्ट्रेशन किया गया है और 5 हजार मदरसों का नहीं किया गया है। उसके लिए सरकार आकर सर्वे करे। किसी भी मौलाना ने इस सर्वे का विरोध नहीं किया। ‘ एंकर ने इस पर हाजिक खान को टोकते हुए कहा कि मौलाना रसीदी ने कहा है कि जो सर्वे करने आए उसका जूते – चप्पल से स्वागत कीजिए।

इस्लामिक स्कॉलर ने कहा – मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों को पता है पीएम और राष्ट्रपति का नाम

इस दौरान इस्लामिक स्कॉलर ने कहा कि मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों को प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति का नाम पता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अभी हाल में ही एक इंटरव्यू में दिखाया गया था कि एक मदरसे में गणित, विज्ञान और अंग्रेजी भी पढ़ाई जा रही है। एंकर ने कहा कि हमारे एक रिपोर्टर ने एक मदरसे में जाकर बच्चे से सवाल किया था तो उसने बताया था कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह हैं।

लोगों के रिएक्शन

हरीश नाम के ट्विटर यूजर कमेंट करते हैं कि ऐसे कई सरकारी स्कूल हैं, जहां विद्यार्थियों और अध्यापकों का भी सामान्य ज्ञान बेहद कमजोर है। क्या ऐसे सरकारी स्कूलों का भी सर्वेक्षण होना चाहिए। रिजवान नाम के एक यूजर ने पूछा- मदरसों का सर्वे कराने के पीछे क्या कारण है? क्या सरकार केवल हिंदू मुसलमान नहीं करना चाहती है? रविंद्र शुक्ला नाम की ट्विटर हैंडल से लिखा गया, ‘योगी आदित्यनाथ सरकार को एक सर्वे बेरोजगारी पर भी करा लेना चाहिए।’