ज्ञानवापी मस्जिद में हुए सर्वे और सर्वे से सामने आई जानकारी के बाद देश में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। इस विवाद में धार्मिक लोगों के साथ ही साथ नेताओं द्वारा भी जमकर बयानबाजी की जा रही है। इसी विषय पर चर्चा के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा को जब सपा नेता ने बीच में ही टोक दिया तो जवाब में संबित पात्रा ने कहा कि चिल्लाने से क्या होगा, अब तो बाबा मिल गये हैं।
आजतक चैनल पर एक चर्चा के दौरान सपा नेता अमीक जमई ने कहा, ‘ये जो पूरा मामला चल रहा है वो राममन्दिर के फैसले से जुड़ा हुआ है। प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 को उसी दिन सुप्रीम कोर्ट के कानून के साथ जोड़ कर संविधान का बेसिक स्ट्रक्चर बना दिया गया। इसका मतलब ये है कि राम मंदिर के फैसले को तो मानना ही पड़ेगा लेकिन जो देश के पूजा स्थल हैं उसकी स्थिति को बदला नहीं जा सकता।’
सपा नेता ने कहा कि वाराणसी की कोर्ट ने जो जल्दबाजी दिखाई, कमिश्नर बैठा दिए, जिन्हें बाद में हटा दिया गया। मैं संबित पात्रा से पूछना चाहता हूं कि ‘जो राजनीति ये कर रहे हैं, ये बता दें कि संसद में इनके पास बहुमत है तो प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 ये कब हटाने जा रहे हैं। इस पर संबित पात्रा ने जवाब दिया है।
संबित पात्रा ने कहा कि ‘एक विषय ये है कि वो शिवलिंग है या नहीं? प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 लगता है या नहीं! मतलब ये लोग तय करके बैठे हैं कि हां ये शिवलिंग है, पहले ये हिन्दू मन्दिर था लेकिन अब आप इसे बदल नहीं सकते। अगर शिवलिंग नहीं होता तो ये प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 का विषय तो पैदा ही नहीं होता। संबित पात्रा ने मुलायम सिंह यादव का नाम लेकर ताना मारते हुए कहा है कि वो कहते थे कि मन्दिर यहीं बनाएंगे लेकिन तारीख नहीं बताएंगे। इस पर सपा नेता ने संबित पात्रा को टोक दिया।
इस पर संबित पात्रा ने कहा कि ‘देखिए जमई भाई,मैंने आपके बीच में नहीं बोल रहा था, आराम से बात कीजिये। अब तो बाबा प्रकट हो ही गए हैं अब चिल्लाने का क्या फायदा है। बाबा तो एक एक कण में हैं, परेशान होने वाली क्या बात है? आप तो कहते थे कि धारा 370 हटाई गई तो खून की नदियां बह जाएंगे। ट्रिपल तलाक को हाथ लगाये तो ठीक नहीं होगा, राम मंदिर के फैसले पर आप धमकाते थे। दोनों में बहस हो रही थी कि एंकर ने दोनों टोकते हुए अन्य पैन्लिस्ट को चर्चा में अपनी बात रखने का मौका दे दिया।
गौरतलब है कि वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में हुए सर्वे में शिवलिंग मिलने की जानकारी सामने आ रही है। इसके बाद कोर्ट ने शिवलिंग मिलने वाले स्थान को सील करने का आदेश जारी किया दिया। साथ ही नमाज अदा करने वालों की संख्या भी सीमित कर दी है। इसी को लोग कानून का उल्लंघन बता रहे हैं और विरोध कर रहे हैं।