देश के कई हिस्से में हुए दंगे के बाद अब यह सवाल उठने लगा है कि आखिरकार सरकारें दंगों को क्यों नहीं रोक पा रही हैं। हनुमान जयंती के दिन दिल्ली में हुए दंगे के बाद भाजपा सरकार से यह सवाल पूछे जा रहे हैं। दिल्ली पुलिस, गृह मंत्रालय के नियंत्रण में काम करती है, लिहाजा जब भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी से सवाल पूछा गया तो पढ़िए क्या जवाब मिला।
आजतक चैनल पर एक चर्चा के दौरान एंकर अंजना ओम कश्यप ने सवाल पूछा कि भाजपा की सरकार तो दावा करती है कि हमारी सरकार में दंगे नहीं होते? अब हो रहे हैं तो उसे रोक क्यों नहीं पा रही है? इस पर सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि ‘ये जो रहा है 8-10 जगहों पर ही हो रहा है। एक ही तरीके और एक ही समय पर हो रहा है तो इसे अचानक हुआ दंगा नहीं कहा जा सकता।’
भाजपा प्रवक्ता ने आगे कहा कि ‘दंगा सिर्फ भारत में ही नहीं हुआ है बल्कि ईस्टर के ऊपर स्वीडन और स्पेन में भी हुआ है और रामनवमी के ऊपर हुआ हमला हुआ है। दो साल पहले ईस्टर के मौके पर कोलम्बों में भी दंगा हुआ था इसीलिए अगर हम कहते हैं कि दंगों के पीछे अंतर्राष्ट्रीय साजिश के तहत ये दंगे हो रहे हैं तो हम ऐसे ही नहीं कहते हैं। दिल्ली में जो दंगा हुआ उसमें पुलिस के सिर्फ 20-22 पुलिस वाले ही उपस्थित थे। उन्होंने दोनों भीड़ के बीच ह्युमन चेन बना दिया। यही वजह है कि सिर्फ एक व्यक्ति ही घायल हुआ है और सबसे ज्यादा पुलिस वाले घायल हुए हैं।’
आप इसे रोक क्यों नहीं पा रहे हैं इस पर जवाब दीजिये? यह सवाल पूछे जाने पर सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि ‘हमारी सरकार आने के बाद स्थिति में क्या बदलाव आया है, जानते हैं? हमारी सरकार आने से पहले पत्थरबाजी नहीं होती थी, आरडीएक्स के बम फूटते थे, गोलियां चलती थीं। भारत का कोई ऐसा शहर नहीं था, जहां गोलियां ना चलती हों।’ अब सरकार सतर्क हो गई और एजेंसियां सख्त हो गई तो अब RDX, कारतूस लाना मुश्किल हो गया तो पत्थरबाजी शुरू हो गई लेकिन अब सरकार इसको लेकर सतर्क हो रही है।’ पुलिस के ऊपर गोली चलाने वाले पर जब कार्रवाई होती है तो सियासत शुरू हो जाती है। लोग अपराधियों के भी धर्म खोजने लगते हैं।’
बता दें कि हनुमान जयंती के असवर पर दिल्ली के जहांगीरपुरी में हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा में एक व्यक्ति घायल हुआ था जबकि एक पुलिसकर्मी को गोली लगी थी। आरोप लगाया गया कि शोभायात्रा में शामिल लोगों ने मस्जिद पर भगवा झंडा लगाने की कोशिश की थी लेकिन दिल्ली पुलिस के सीपी ने इसे पूरी तरह से खारिज कर दिया है।