भगवान के प्रति आस्था बड़ी चीज है। जिन्हें भगवान में आस्था होती है उन्हें पत्थर की मामूली मूर्ति में भी भगवान दिखाई देते हैं। बर्बस ही उनका सिर मूर्ति के आगे झुक जाता है। आस्था ही है जिसके कारण लोग कष्ट सहकर भी अपने आराध्य के दर्शन को जाते हैं। ऐसा करने के दौरान कई बार वे कुछ ऐसा कर जाते हैं, जिसे जानकर लोगों को सुखद आश्चर्य होता है।

43 दिन पहले अपनी यात्रा की शुरुआत की थी

ऐसा ही कुछ कर दिखाया है पंजाब के एक छह साल के बच्चे ने। श्रीरामलला के दर्शन के लिए यूकेजी में पढ़ने वाला ये बच्चा मंगलवार को पंजाब से दौड़ लगाते हुए अयोध्या पहुंचा। बच्चे ने 43 दिन पहले अपनी यात्रा की शुरुआत की थी। 43 दिन में उसने हजार किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की और मंगलवार को लखनऊ मार्ग स्थित बीजेपी नेता भूपेंद्र सिंह बल्ले के अयोध्या फैमिली रेस्तरां पर पहुंचा।

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जानकारी अनुसार बच्चे का नाम मोहब्बत है जिसकी अब खूब तारीफ हो रही है। बच्चा पंजाब के फाजिल्का जिला के किलियांवाली गांव का रहने वाला है। गांव से एक सैन्य अधिकारी ने हरी झंडी दिखाकर बच्चे के दौड़ की शुरुआत कराई थी। पूरे रास्ते बच्चे के अभिभावक श्री राम जन्मभूमि तीर्थ के महामंत्री चम्पत राय के संपर्क में रहे।

ये भी खबर सामने आ रही है कि प्रतिष्ठा द्वादशी के दिन इस बच्चे की मुख्यमंत्री से मुलाकात होना है। राभभक्त इस बच्चे की सोशल मीडिया यूजर्स जमकर तारीफ कर रहे हैं। एक यूजर ने बच्चे की तारीफ करते हुए कहा, “बच्चे के संस्कार उम्र से बड़े हैं।” दूसरे ने लिखा, “बच्चे पर प्रभु राम का बहुत बड़ा आशीर्वाद हुआ होगा।” तीसरे ने लिखा, “ऐसे साहस को नमन है।”

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गौरतलब है कि इससे पहले भी कई भक्त रामलाल के दर्शन के लिए ‘कड़ी तपस्या’ कर पहुंचे हैं। राजस्थान के बीकानेर के डूंगरगढ़ से भी पांच लोग 1110 किमी की पदयात्रा कर रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या पहुंचे थे। ये सभी सालासर बालाजी, खाटूश्याम, मेहंदीपुर बालाजी का दर्शन-पूजन करते हुए अयोध्या पहुंचे थे। वे प्रतिदिन औसतन 50 किलोमीटर चलकर लगभग 15 दिन में अयोध्या पहुंचे थे।