डिजिटल दौर में ऑनलाइन गेम को लेकर लोगों का क्रेज बढ़ रहा है। लेकिन यह आपके लिए खतरनाक भी हो सकता है, आपके खाते से पैसा भी जा सकता है। हाल ही में ऐसा ही मामला एक उज्‍जैन में हुआ है, जहां ऑनलाइन गेम में कूपन रिडीम करने के चक्‍कर में एक बच्‍चे ने अपने दादा का बैंक अकाउंट खाली कर दिया। ऐसा ही एक और मामला उज्‍जैन में आया, जहां कर्मचारी के खाते से भी 25 हजार रुपए निकल गए। जब पूछताछ हुई तो पता चला कि कर्मचारी के बेटे ने कई गेम प्‍ले स्टोर से डाउनलोड किया था, जिसपर चार्ज देना पड़ा था।

अब डिजिटल युग में ऑनलाइन फ्रॉड भी तेजी से बढ़ रहा है। हैकर्स गेम्‍स ऐप के माध्‍यम से तरह तरह के लुभावने ऑफर देकर लोगों का जरुरी डाटा चुरा लेते हैं। इससे आपका खाता भी खाली हो सकता है। वहीं कई ऐसे ऑनलाइन गेमिंग ऐप्‍स हैं जिनका उपयोग करने पर आपसे अधिक पैसा ले लेते हैं या फिर इसके बदले में आपका जरुरी डाटा दूसरे प्‍लेटफॉर्म को देते हैं। इस स्थिति में हमें जरुरी है कि बचाव करके रहे। आइए जानते हैं अपने फोन को कैसे सुरक्षित रखा जाए।

इन नंबर का करें उपयोग
ऑनलाइन फ्रॉड के मामले में शासन ने एक टोल फ्री नंबर-155260 बनाया है। ऑनलाइन फ्रॉड होने की स्थिति में इस नंबर पर कॉल कर जानकारी दें। साइबर सेल आपको ऐसे मामले में जल्द से जल्द समाधान करने की कोशिश करता है।

यह भी पढ़ें: ITR फाइल कर जीत सकते हैं Royal Enfield! 31 दिसंबर तक है ऑफर, जानें- डिटेल

बच्‍चों को रखें ऑनलाइन गेम से दूर
अगर आपका भी बच्‍चा ऑनलाइन गेम खेलता है और आपके फोन का उपयोग करता है तो उसे ऑनलाइन गेम का उपयोग करने से रोके। लेकिन अगर आपके पास दो फोन है तो उसे बैंक डिटेल वाले फोन न दें। नहीं तो ऑनलाइन फ्रॉड से आपका खात असुरक्षित हो सकता है।

साइबर एक्सपर्ट की सलाह

  • ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से पेमेंट करते वक्‍त कभी भी अपनी बैंक डिटेल सेव करके न रखें, क्‍योंकि कई ऐसे ऐप्‍स होते हैं जो आपका डाटा लीक कर सकते हैं।
  • यदि यूजर ने कभी भी गूगल प्ले स्टोर से कोई ऐप खरीदा है, तब पेमेंट किए गए क्रेडिट या डेबिट कार्ड का डेटा उसमें सेव हो जाता है। ऐसे में जब भी हम अगली बार कोई ऐप गूगल प्ले स्टोर से खरीदते हैं तो वो ऑटोमैटिक आपके कार्ड पेमेंट मोड पर आ जाता है। ऐसे में बच्चे को आपके कार्ड का CVV पता है तो वे आसानी से ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। इसलिए इससे सतर्क रहें।
  • एक्सपर्ट्स ने इस बात की सलाह दी है कि बच्चों को ऑनलाइन गेमिंग से दूर रखा जाए, क्योंकि बच्चों से ट्रांजैक्शन के ज्यादातर मामले गेम्स के दौरान ही होते हैं।
  • आप अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट तय कर सकते हैं, खासकर इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन के लिए लिमिट को 500 से 1000 रुपए तक कर देना चाहिए। ताकि गलती से भी बड़ा अमाउंट किसी इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन पर खर्च न किया जा सके।