Whatsapp ने भारत में अपने बीटा वर्जन में पेमेंट का ऑप्शन दे दिया है। इसका ट्रायल काफी दिन से चल रहा है। इससे वॉट्सऐप भारत सरकार की डिजिटल मुहिम का हिस्सा बनने की कोशिश कर रहा है। वॉट्सऐप अपनी इस सर्विस के जरिए पियर टू पियर मनी ट्रांसफर को आसान बना रही है। अब आप अगर वॉट्सऐप के जरिए पेमेंट करेंगे तो इससे आपका बैंकिंग डेटा भी वॉट्सऐप के पास जाएगा। इस डेटा को लेकर कंपनी का कहना है कि वह अपनी पॉलिसी के तहत अपने यूजर्स के डेटा को अपनी पेरेंट कंपनी के साथ शेयर कर सकती है। आपको बता दें कि वॉट्सऐप की पेरेंट कंपनी फेसबुक है। फेसबुक पर पहले ही यूजर्स के डेटा के गलत इस्तेमाल करने के आरोप लग रहे हैं। इससे उसकी काफी आलोचना हो रही है। ऐसी रिपोर्ट है कि फेसबुक के यूजर्स के डेटा का इस्तेमाल अमेरिका में हुए राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने के लिए किया गया था।
इस पर वॉट्सऐप ने एक बयान में कहा, “हम अपने यूजर्स के पेमेंट डेटा को अपनी पेरेंट कंपनी फेसबुक के साथ शेयर कर सकते हैं।” वॉट्सऐप की प्राइवेसी पॉलिसी के मुताबिक, “हम अपनी इंफॉर्मेशन को थर्ड पार्टी प्रोवाइडर्स से शेयर करते हैं। इसके पीछे हमारा मकसद अपनी पेमेंट सर्विस में सुधार करना है, जिससे लोगों के पेमेंट सर्विस के इस्तेमाल करने के एक्सपीरियंस को और बेहतर किया जा सके। कंपनी पेमेंट सर्विस के लिए यूजर्स के मोबाइल फोन नंबर, रजिस्ट्रेशन इंफॉर्मेशन, डिवाइस आइडेंटिफियर्स, वीपीए (वर्चुअल पेमेंट एड्रेस), सेंडर यूपीआई पिन और पेमेंट अमाउंट जैसी कई जानकारियों को थर्ड पार्टी के साथ शेयर करती है।
वॉटसऐप को भारत में पेमेंट सर्विस शुरू करने के लिए एनपीसीआई से परमीशन मिली हुई है। एनपीसीई भारत में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) प्लेटफॉर्म को ऑपरेट करती है। हालांकि भारत में वॉट्सऐप के अलावा उसकी राइवल कंपनी पेटीएम और फ्लिपकार्ट की पेरेंट कंपनी फोन पे की प्राइवेसी पॉलिसी भी है जिसमें साफ लिखा हुआ है कि वह अपने पेमेंट के डेटा को शेयर कर सकती हैं। वॉट्सऐप ने भारत में अभी पेमेंट सर्विस का ट्रॉयल कुछ चुनिंदा लोगों के जरिए किया था। हालांकि ऐसी उम्मीद है कि कंपनी जल्ह ही इसे सभी यूजर्स के लिए लेकर आएगी। आपको बता दें कि इसके अलावा वॉट्सऐप लंबे वॉयस मैसेज भेजने की सर्विस में भी सुधार कर रही है।