यह समझना जरूरी है कि फेसबुक के नए एलान के बाद क्या-क्या बदला है और क्या नहीं बदला है। दरअसल, कंपनी की सिर्फ ब्रांडिंग बदली है यानी फेसबुक कंपनी को अब ‘मेटा’ के नाम से जाना जाएगा। न तो फेसबुक ऐप का नाम बदला है और न ही इंस्टाग्राम, वाट्सऐप और फेसबुक मैसेंजर का। कंपनी के विभिन्न पदों में भी कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है। वैसे एक दिसंबर से कंपनी के स्टाक का स्टिकर ‘एमवीआरएस’ के नाम से होगा। कंपनी के मुख्यालय से अंगूठा वाला (लाइक) लोगो अब हट गया है और उसकी जगह नए लोगो ने जगह ले ली है, जो ‘इनफिनिटी’ जैसा है।

जुकरबर्ग ने मेटावर्स को एक आभासी वातावरण (वर्चुअल एनवायरमेंट) कहा है। उनके मुताबिक आप महज स्क्रीन पर देखकर एक अलग दुनिया में जा सकते हैं, जहां आप लोगों से वर्चुअल रियलिटी हेडसेट,आग्युमेंट रियलिटी चश्में, स्मार्टफोन ऐप आदि के जरिए जुड़ सकेंगे। गेम खेल सकेंगे, खरीदारी कर सकेंगे और सोशल मीडिया इस्तेमाल कर सकेंगे। मेटावर्स में आप आभासी रूप से वे सारे काम कर सकेंगे जो आमतौर पर करते हैंं।

जुकरबर्ग ने यह भी कहा कि मेटावर्स तकनीक के जरिए लाखों लोगों को नौकरी मिलेगी। दिलचस्प यह भी है कि मेटावर्स में क्रिप्टो मुद्रा का इस्तेमाल होता है। सीधे शब्दों में कहें तो मेटावर्स इंटरनेट की एक ऐसी दुनिया है, जहां लोग उपस्थित न होते हुए भी मौजूद रहेंगे। तकनीक और इंसानी मौजूदगी का यह साझा नई संभावनाओं का विस्फोट है। कहना मुश्किल है कि तकनीक का यह पराक्रम इंसान और समाज की मौलिक रचना के धरातल पर परिवर्तन की कितनी लंबी और गाढ़ी लकीरें खिंचेगा।