चांद पर 2024 तक पहली महिला अंतरिक्ष यात्री को भेजने के अभियान में जुटे हैं वैज्ञानिक। यह अभियान पूरी तरह महिलाओं लारा संचालित होगा। इस ‘आर्टेमिस मिशन’ (नासा का चंद्र अभियान मिशन) में रॉकेट इंजीनियर से लेकर प्रक्षेपण निदेशक तक- सभी काम के लिए महिलाओं को चुना गया है। आर्टेमिस रॉकेट बनाने का काम भी एक महिला वैज्ञानिक के हाथ में है।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने 2024 के इस अभियान की तैयारी की है। नासा के मार्शल स्पेस फ्लाइट सेंटर की पहली महिला अध्यक्ष बनीं हैं जोडी सिंगर। वे जब नासा में शामिल हुई थीं तब महिला इंजीनियर गिनती में थीं, लेकिन आज कई हैं। एक वक्त ऐसा भी था जब वह और उनकी साथी चार्ली ब्लैकवेल थांप्सन किसी परियोजना में शामिल अकेली महिलाएं हुआ करती थीं।

वह कहती हैं कि तब से अब तक उन्होंने साथ में एक लंबा सफर तय हुआ है। चार्ली नासा की पहली महिला प्रक्षेपण निदेशक (लॉन्च डायरेक्टर) हैं। वह बताती हैं कि जब पहला आर्टेमिस रॉकेट चांद के लिए निकलेगा, उस वक्त केनेडी स्पेस सेंटर में उनके फायरिंग रूम 30 फीसद इंजीनियर महिलाएं होंगी।

चार्ली कहती हैं, ‘मुझे याद है आखिरी अपोलो मिशन, आखिरी के दो। और मैं याद कर सकती हूं वह जिज्ञासा और उत्साह जब मैं बाहर जाकर आसमान में देखती थी और सोचती थी कि हमारे अंतरिक्ष यात्री चांद पर हैं।’ वह कहती हैं कि चांद पर वापस जाना नई और अहम जानकारी की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि अभी सीखने के लिए बहुत कुछ है। हम अभी तक अपोलो प्रोग्राम से आए नमूनों से सीख रहे हैं।

अमेरिकी एजंसी नासा महिला मिशन के साथ ही चांद के रास्ते में ठहराव के लिए ‘होटल’ बनाने की तैयारी में है। योजना है कि एक छोटे फ्लैट के आकार के मॉड्यूल में रुकेंगे अंतरिक्ष यात्री। चांद पर जाने से पहले यहां कुछ समय बिताना होगा। यह मॉड्यूल चांद के परिक्रमा कक्ष (आॅर्बिट) में ही रहेगा। इसके लिए नासा ने नार्थ्राप ग्रुमैन को 187 मिलियन डॉलर का ठेका दिया है। ये नासा के आर्टेमिस मिशन का हिस्सा होगा जिसके तहत पहली महिला को चांद पर साल 2024 तक भेजा जाना है। 1972 के बाद पहली बार इंसानों को चांद पर उतारने की यह कोशिश होगी।

गेटवे के तहत एक छोटे फ्लैट के साइज का हैबिटेशन एंड लॉजिस्टिक्स आउटपोस्ट (हालो) बनाया जाएगा, जो चांद के चक्कर काटेगा। हालो और गेटवे के पॉवर ऐड प्रोपल्शन एलिमेंट (पीपीई) को 2023 में प्रक्षेपित किया जाएगा। पृथ्वी से निकलने वाले चांद के अंतरिक्ष यात्री पहले गेटवे पर पहुंचेंगे और फिर चांद पर जाएंगे। यह अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से (आइएसएस) छोटा होगा। नासा के प्रशासक जिम बाइडेनस्टाइन का कहना है कि चांद के मजबूत और सतत अभियानों को बढ़ाने के लिए यह अहम कदम है।

गेटवे के अंदर हालो में दबाव वाले कक्ष तैयार किए जाएंगे। यह कई मॉड्यूल्स से बना होगा और इसे फैलाया (एक्सपैंड) जा सकेगा। यहां अंतरिक्ष यात्री कुछ समय बिताएंगे। इसकी शुरुआती डिजाइन की समीक्षा के साथ यान की डिजाइन में सुरक्षा और उड़ान के लिए निर्भरता की जांच की जाएगी। इसके बाद हाडर्वेयर बनाने का काम शुरू होगा।

इससे पहले 30 मई को इतिहास रचने के बाद नासा काफी उत्साहित है। नासा ने करीब 10 साल के बाद अमेरिका की मिट्टी से देसी अंतरिक्ष यान में अपने दो अंतरिक्ष यात्रियों को आइएसएस भेजा है। साल 2011 के बाद से नासा अपने अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस में भेजने के लिए रूस का सहारा ले रहा था। पिछले महीने खराब मौसम की वजह से एक बार प्रक्षेपण टलने के बाद 30 मई को स्पेसएक्स के फॉल्कन 9 रॉकेट से क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष यान में बॉब बेनखेन और डो हर्ले को भेजा।