टेस्ला की कार की लॉन्चिंग को लेकर काफी दिनों से कयास लगाए जा रहे हैं। टेस्ला ने मुंबई के पनवेल में ऑफिस भी खोल रखा है। वहीं कंपनी ने कर्नाटक में अपना कारखाना लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन भी कराया हुआ है। इन सभी बातों को लगभग 12 महीने बीच चुके हैं। फिर भी टेस्ला की कार की लॉन्चिंग को लेकर अभी कोई अनाउंसमेंट नहीं हुआ। क्योंकि कंपनी के सामने इसे लेकर काफी चुनौतियां है आइए जानते है सभी परेशानियों के बारे में…
इम्पोर्ट ड्यूटी को लेकर फंसा पेंच – टेस्ला की लॉन्चिंग को लेकर सबसे बड़ा पेंच इम्पोर्ट ड्यूटी को लेकर फसा हुआ है। टेस्ला ने केंद्र सरकार से इम्पोर्ट ड्यूटी में रियायत देने की मांग की थी। लेकिन सरकार ने कहा कि, पहले देश में टेस्ला कारों को असेम्बल करना शुरू करें और उसके बाद इम्पोर्ट ड्यूटी पर विचार किया जाएगा।
वहीं एक ट्वीटर यूजर ने एलन मस्क से पूछा था, ‘टेस्ला को भारत में लॉन्च करने के बारे में अपडेट क्या है? ये लाजवाब हैं और इनको विश्व के हर कोने में होना चाहिए।’ मस्क ने जवाब दिया कि अभी कंपनी के सामने भारत में कई चुनौतियां हैं। टेस्ला इनसे निपटने में लगी है।
टैक्स पर जल्द फैसला संभव – सरकार जल्द ही टेस्ला के टैक्स कम करने के आग्रह पर विचार कर सकती है। सरकार टेस्ला की मांग पर भारत में मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट लगाने की शर्त पर मान सकती है। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि टेस्ला के प्रपोजल का मूल्यांकन किया जा रहा है और इस पर जल्द फैसला हो सकता है। नीति आयोग सरकार का प्रमुख थिंक टैंक है जो प्रशासन को नीति निर्माण के संबंध में राय देता है। एलन मस्क भारत में निर्माण संयंत्र स्थापित करने के इच्छुक भी हैं, पर वो चाहते हैं कि पहले भारत में टेस्ला की कारों की एंट्री हो जाए। मस्क वर्तमान 60 फीसदी इम्पोर्ट ड्यूटी को 40 फीसदी करने की मांग कर रहे हैं।
गडकरी ने दिया था ये प्रपोजल – एक कार्यक्रम में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि टेस्ला भारत में जल्द आने को उत्सुक है। उन्होंने कहा, “ मैंने टेस्ला के अधिकारियों को कहा था कि चीन में कार बनाकर भारत में मत बेचिए। मेरे जो दिमाग में था, मैंने उन्हें कह दिया। भारत आओ, यहीं कार बनाओ, बेचो और निर्यात करो। सरकार आपकी हर संभव मदद करेगी।”