रिलायंस जियो टेलीकॉम उपभोक्ताओं के लिए एक नए सेग्मेंट की शुरुआत करने वाला है। ये सेग्मेंट उन एप्स को इस्तेमाल करने के लिए पैसे वसूलेगा जिनका इस्तेमाल अभी तक उपभोक्ता डेटा रिचार्ज के हिस्से के तौर पर निशुल्क कर रहे थे। जियो एप्स जैसे जियो टीवी, जियो म्यूजिक, जियो सिनेमा और जियो मैग्स अभी तक जियो उपभोक्ताओं के लिए निशुल्क उपलब्ध हैं। हालांकि एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रिलायंस जियो जल्दी ही अपनी फ्री एप्स के लिए ‘फ्रीमियम’ मॉडल लागू कर सकता है। लेकिन इस मॉडल को लागू करने की अपनी चुनौतियां हैं।

रिलायंस जियो की ‘डिजिटल कंटेंट लीडरशिप’ के बारे में रणनीतिक पंडितों ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली ये कंपनी भविष्य में फ्री मॉडल से फ्रीमियम मॉडल की तरफ जाने का फैसला कर सकती है। हालांकि, वे उपभोक्ता जो अभी तक निर्बाध रूप से इन सेवाओं का आनंद उठा रहे थे, फ्रीमियम मॉडल से नाराज हो सकते हैं। इस नाराजगी से निपटना रिलायंस जियो के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है। फ्रीमियम मॉडल से उपभोक्ताओं की पहुंच एप्स के बेसिक फीचर तक ही हो जाएगी जबकि कुछ प्रीमियम फीचर्स का लाभ उठाने के लिए उन्हें पैसे देने होंगे।

बाजार की रणनीति के विशेषज्ञ ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि जबसे रिलायंस जियो ने भारत में अपना कारोबार शुरू किया है, उसे लाजवाब आॅफर्स और बेहद कम कीमत पर प्रीमियम सेवाएं मुहैया करवाने के लिए जाना जाता है। इन फैसलों ने लंबे वक्त में भारत में रिलायंस जियो के लिए प्रतिबद्ध ग्राहकों का बाजार तैयार किया है। लेकिन ये ग्राहक इतने भी प्रतिबद्ध नहीं हैं कि वे खुशी—खुशी उन सेवाओं के लिए पैसे देने को तैयार हो जाएं, जिनका इस्तेमाल वह अभी तक निशुल्क कर रहे थे। रिपोर्ट में उल्लेख है,”हमें उस सुविधाओं की पहचान करने की जरूरत है जिनके लिए ग्राहक इस बिजनेस मॉडल के साथ पैसे देने को तैयार हो जाएं। यूजर के अनुभव के आधार पर लक्ष्यित ग्राहक वर्ग से सफलतापूर्वक पैसे लेना मुश्किल होगा।”

जैसे ही ये लागू होगा, जियो अपनी उन प्रतिद्वंद्वी कंपनियों से आगे निकल जाएगी जो अभी तक ग्राहकों को बिना कोई शुल्क लिए सेवाएं उपलब्ध करवा रही थी। टेलीकॉम सेक्टर के कंटेंट प्रदाता लंबे वक्त से ग्राहकों के लिए शीर्ष स्थान हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। वायरलेस मीडिया स्ट्रेटजीस के रणनीतिक विशेषज्ञ ब्रिस लोंगोस ने कहा,” जियो ने अपनी कंटेंट रणनीति से ग्राहकों के बीच अपनी गहरी पैठ बनाई है। इस पैठ के कारण जियो के प्रतिद्वंद्वियों को भी अपनी कंटेंट रणनीति में बदलाव करना पड़ा है। जियो की प्रतिद्वंद्वी कंपनियों भारती एयरटेल और वोडाफोन को भी अपनी कंटेंट रणनीति में बदलाव करने के लिए बाध्य होना ही पड़ेगा।” वैसे बता दें कि जियो ने हाल ही अपनी म्यूजिक सेवा जियो म्यूजिक का विलय ‘सावन’ के साथ करने की घोषणा की थी, जिससे उसके डिजिटल कंटेंट पोर्टफोलियो का विस्तार किया जा सके।