RBI MPC Meeting 2024: भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने लगातार छठी बार नीतिगत दर रेपो (Repo Rate) को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा।आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर अनिश्चतता के बीच देश की अर्थव्यवस्था मजबूती दिखा रही है, एक तरफ आर्थिक वृद्धि बढ़ रही है, दूसरी ओर मुद्रास्फीति में कमी आई है। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने मुद्रास्फीति को काबू में रखने और आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए उदार रुख को वापस लेने का रुख बरकरार रखा है। वृद्धि की गति तेज हो रही है और यह अधिकतर विश्लेषकों के अनुमानों से आगे निकल रही है।

इसके अलावा, एमएसएफ (सीमांत स्थायी सुविधा दर) और बैंक दर 6.75 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।

आरबीआई गवर्नर दास ने कहा, ‘खाद्य पदार्थों की कीमतों में अनिश्चितता का मुख्य मुद्रास्फीति पर प्रभाव जारी है। 2024 में वैश्विक वृद्धि दर के स्थिर रहने का अनुमान है। एमपीसी मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के लक्ष्य पर रखने को प्रतिबद्ध है। आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार 2024-25 में भी जारी रहने की उम्मीद है।

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उन्होंने आगे कहा कि अंतरिम बजट के अनुसार सरकार राजकोषीय मजबूती के रास्ते पर चल रही है। रिजर्व बैंक का अनुमान है कि अगले वित्त वर्ष 2024-25 में आर्थिक वृद्धि दर सात प्रतिशत रहेगी। आरबीआई का चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा मुद्रास्फीति 5.4 प्रतिशत, 2024-25 के लिए 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

आरबीआई का कहना है कि ग्रामीण मांग में तेजी जारी है, शहरी खपत मजबूत बनी हुई है। ऋण बाजार में नीतिगत दर में बदलाव का पूरा प्रभाव अभी तक नहीं पहुंचा है। भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने से आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हो रही है और जिंस कीमतों खासकर कच्चे तेल पर दबाव पड़ रहा है।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, भारत विदेश से भेजे जाने वाले धन के मामले में सबसे आगे रहेगा। वित्त वर्ष 2023-24 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में भारत का सेवा निर्यात मजबूत रहा। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 622.5 अरब डॉलर पर; सभी विदेशी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय रुपये में सबसे कम उतार-चढ़ाव देखा गया। विनिमय दर काफी स्थिर बनी हुई है। भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत, निरंतर वृद्धि पथ पर आत्मविश्वास से भरी प्रगति कर रही है।’