ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric) उन सभी ग्राहकों के लिए 21 जनवरी को अंतिम भुगतान के लिये व्यवस्था करेगी, जो पहले ही कंपनी को अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर के लिए 20,000 रुपये दे चुके हैं। यह जानकारी ओला के अध्यक्ष और समूह के कार्यपालक अधिकारी भाविश अग्रवाल ने शुक्रवार को दी। कंपनी ने कहा कि इस महीने और फरवरी के दौरान नवीनतम खरीद के लिए स्कूटर भेजे जाएंगे। कंपनी पिछले महीने कहा था कि उसने अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर उन सभी को भेज दिए हैं जिन्होंने पिछले दौर में खरीदा है।

लोहड़ी, मकर संक्राति और पोंगल के लिए बधाई देते हुए कंपनी के कारखाने में अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर का एक फोटो साझा करते हुए, अग्रवाल ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘स्कूटर का सागर इंतजार कर रहा है! ओला ऐप में अंतिम भुगतान की खिड़की 21 जनवरी, शाम 6 बजे उन सभी ग्राहकों के लिए खुलेगाी जिन्होंने ‘ हमें 20,000 रुपये का भुगतान किया है। हम जनवरी और फरवरी में (स्कूटर) भेज देंगे।’’

ओला इलेक्ट्रिक ने पिछले साल अगस्त में अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर, एस-वन और एस-वन प्रो की पेशकश के साथ हरित वाहन क्षेत्र में कदम रखा था। इसकी कीमत क्रमशः 99,999 रुपये और 1,29,999 रुपये थी। लेकिन कंपनी ने वैश्विक स्तर पर सेमीकंडक्टर की कमी का हवाला देते हुए अपनी बहुप्रतीक्षित डिलिवरी समयसीमा को टाल दिया था।

हीरो मोटोकॉर्प करेगी एथर एनर्जी में 420 करोड़ का निवेशः इस बीच, देश की सबसे बड़ी दोपहिया वाहन विनिर्माता कंपनी हीरो मोटोकॉर्प के निदेशक मंडल ने इलेक्ट्रिक दोपहिया विनिर्माता एथर एनर्जी में 420 करोड़ रुपये का निवेश करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। हीरो मोटोकॉर्प ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि निदेशक मंडल ने एथर एनर्जी में यह निवेश एक या अधिक किस्तों में करने की मंजूरी दी है। प्रस्तावित निवेश के पहले एथर एनर्जी में हीरो मोटोकॉर्प की हिस्सेदारी 34.8 फीसदी है।

इस निवेश के बाद उसकी हिस्सेदारी बढ़ जाएगी लेकिन उसकी सही मात्रा एथर की पूंजी जुटाने का दौर पूरा हो जाने के बाद ही तय हो पाएगी। हीरो मोटोकॉर्प के एमर्जिंग मोबिलिटी कारोबार प्रमुख स्वदेश श्रीवास्तव ने कहा, “हम एथर एनर्जी के शुरुआती निवेशकों में से एक रहे हैं। हम पिछले कुछ वर्षों में इसकी प्रगति को देखकर खासे रोमांचित हैं।” हीरो मोटोकॉर्प इस मार्च में अपना पहला इलेक्ट्रिक वाहन उतारने की तैयारी में है। इसका विकास कंपनी के शोध एवं विकास केंद्र में चल रहा है और चित्तूर संयंत्र में इसका उत्पादन किया जाएगा।