मिड-जुलाई 2023 के दौरान ऑस्ट्रेलिया में Jurien Bay के पास एक बीच पर बड़े मेटल ऑब्जेक्ट को देखा गया था। इस मेटल ऑब्जेक्ट को लेकर खबरें आई थीं कि यह बड़ा कॉपर सिलेंडर किसी देश के रॉकेट लॉन्च व्हीकल का हिस्सा है। लेकिन अब सोमवार (31 अगस्त 2023) को ऑस्ट्रेलिया की स्पेस एजेंसी (Australian Space Agency) ने पुष्टि कर दी है कि यह मलबा भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO का है।

ऑस्ट्रेलियन स्पेस एजेंसी के मुताबिक, यह बड़ा कॉपर सिलेंडर Indian Space Research Organisation (ISRO) द्वारा इस्तेमाल किए गए पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) का थर्ड स्टेज मलबा है।

बता दें कि फिलहाल यह मलबा स्टोरेज में है और ऑस्ट्रेलियन स्पेस एजेंसी इस बारे में आगे कोई कदम उठाने के लिए ISRO के साथ मिलकर काम कर रही है। बता दें कि यूनाइटेड नेशन स्पेस संधि के तहत दोनों देशों पर इसका दायित्व है।

भारत के PSLV रॉकेट का अधजला हिस्सा

ISRO के एक अधिकारी का कहना है कि यह मलबा एक PSLV रॉकेट का अधजला हिस्सा हो सकता है। इस PSLV ने करीब दो महीने पर IRNSS तारामंडल के लिए एक नेविगेशन सैटेलाइट लॉन्च किया था। इसरो के अधिकारी का कहना है, ‘उस सैटेलाइट को दक्षिण दिशा की तरफ लॉन्च किया गया था। ऐसा संभव है कि इस रॉकेट का एक हिस्सा पूरी तरह जला ना हो और वायुमंडल में वापस आकर, समुद्र के पास गिर गया हो। और हो सकता है कि बाद में यह ऑस्ट्रेलियाई तट की तरफ बहकर आ गया हो।’

बता दें कि यूनाइटेश नेशन के कन्वेंशन स्पेस ऑब्जेक्ट से होने वाले किसी नुकसान के लिए अंतर्राष्ट्रीय दायित्व के तहत, सभी देशों को अपने इलाके में लॉन्च किए गए सभी स्पेस ऑब्जेक्ट की जिम्मेदारी लेनी होगी। इसका मतलब है कि इस मामले में ऑस्ट्रेलिया इस मलबे से होने वाले किसी नुकसान के लिए भारत पर मुकदमा कर सकता है और इस कॉपर सिलेंडर से होने वाले सभी नुकसान के लिए भारत जिम्मेदार होगा।