माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प (Microsoft Corp) में भारतीय मूल के अमेरिका नागरिक सत्या नडेला को कंपनी बोर्ड चेयरमैन नामित किया है। दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर निर्माता कंपनी माइक्रोकॉफ्ट में यह पद सात साल पहले बिल गेट्स ने छोड़ा था।
नडेला (53 वर्षीय), जॉन थॉम्पसन का स्थान लेंगे, जो दोबारा स्वतंत्र निर्देशक का पद संभालेंगे क्योंकि चेयरमैन बनने से पहले साल 2014 तक वे यही पद संभाला करते थे। बताते चलें कि साल 2014 फरवरी में नडेला को सीईओ नियुक्त किया गया था। इसके बाद नडेला ने लिंक्डइन, न्यूनस कम्युनिकेशंस और जेनीमैक्स जैसी कंपनियों के अरबों डॉलर के अधिग्रहण में भूमिका निभाई।
नडेला के नेतृत्व में माइक्रोसॉफ्ट का एक प्रकार से दोबारा जन्म हुआ है। उन्होंने मोबाइल फोन और इंटरनेट सर्च बाजार की असफलताओं से भी उबरने में मदद की है। नडेला ने कंपनी को क्लाउड कंप्यूटिंग, मोबाइल एप्लीकेशन व आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर फिर से ध्यान लगाने में सहायत की है। कंपनी का शेयर करीब सात गुना अधिक होकर नई ऊंचाइयां छू रहा है और कंपनी की वैल्यू करीब 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच रही है।
नडेला कंपनी के तीसरे सीईओ और तीसरे चेयरमैन होंगे। उनसे पहले चेयरमैन का पद बिल गेट्स और थोम्पसन संभाल चुके हैं, जबकि सीईओ का पद स्टीव बालमर भी रह चुके हैं, हालांकि बालमर को कभी भी चेयरमैन का पद नहीं मिला। सीके नॉलेज वेबसाइट के मुताबिक, नडेला की नेटवर्थ 3084 करोड़ रुपये है।
19 अगस्त 1967 को हैदराबाद में एक प्रशासनिक अधिकारी और संस्कृत की अध्यापिका के घर में सत्या नडेला का जन्म हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई भी यही से की है और आगे की पढ़ाई करने के लिए अमेरिका चले गए थे और 1996 में शिकागो के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए की पढ़ाई।
बिल गेट्स ने साल 2014 में चेयरमैन के पद को छोड़ दिया था और उसके अब वे बिल एवं मेलिंडा गेट्स के परोपकारी कार्यों पर ध्यान लगा रहे हैं।