आंध्र प्रदेश के एक रिटायर्ड प्रोफेसर साइबर फ्रॉड का नया शिकार बन गए हैं। उन्होंने फर्जी निवेश योजना (fake investment scheme) में लगभग 2 करोड़ रुपये की बड़ी रकम खो दी है। इस स्कैम को व्हाट्सएप के जरिए अंजाम दिया गया था। कथित तौर पर डॉ. एम. बैटमैनबाने मौनीसामी को आकर्षक रिटर्न का वादा करके एक फर्जी व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल किया गया और कुछ समय बाद उनकी मेहनत की कमाई लूट ली गई।

आपको बता दें कि यह धोखाधड़ी तब शुरू हुई जब डॉ. मौनीसामी को ‘H-10 Nuvama Health Group’ नाम के एक वॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ा गया। कई अलग-अलग एडमिन द्वारा मैनेज किए जाने वाले इस ग्रुप ने विशेष रूप से नुवामा फंड्स के लिए विशेषज्ञों की निवेश सलाह और इनसाइडर टिप्स ऑफर करने का वादा किया। बता दें कि नुवामा फंड्स एक वैध वित्तीय संस्थान है जिसके साथ प्रोफेसर पहले से ही परिचित थे।

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स्कैम उस समय शुरू हुआ जब एक महिला ने खुद को “कंगना” बताते हुए डॉ. मौनीसामी के साथ प्राइवेट कम्युनिकेशन शुरू किया। उसने उसे एक ऐसी वेबसाइट पर रजिस्टर्ड करने का निर्देश दिया जो हूबहू ऑफिशियल नुवामा फंड्स पोर्टल की तरह दिखती है, जिससे धोखाधड़ी वाले इस ऑपरेशन की ऑथेंटिसिटी का पता चलता है।

घोटालेबाजों ने दिखाया शुरुआती रिटर्न

भरोसा जीतने के लिए जालसाजों ने एक आम तरीका अपनाया यानी शुरुआत में छोटा और सफल ट्रांजैक्शन। डॉक्टर मौनीसामी ने सबसे पहले 10,000 रुपये निवेश किए और इसके बदले में उन्हें कम समय में 13,000 रुपये का रिटर्न मिला। यह मुनाफा काफी सही और वैध लग रहा था जिससे इस तरह की योजना में उनका विश्वास काफी बढ़ गया।

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हालांकि, धोखाधड़ी का खुलासा तब हुआ जब डॉ. मौनीसामी ने अपने ऑनलाइन खाते से 5 करोड़ रुपये की राशि निकालने का प्रयास किया, जिसमें 35 करोड़ रुपये का गलत बैलेंस दिखाया गया था। इस पॉइन्ट पर, घोटालेबाजों ने निकासी के लिए प्रोसेसिंग शुल्क की मांग की, शुरुआत में 32 लाख रुपये मांगे, जिसे बाद में उन्होंने निकासी राशि का 25 प्रतिशत कर दिया। अपने फंड को एक्सेस करने के लिए अतिरिक्त 7.9 लाख रुपये ट्रांसफर करने के बावजूद निकासी ब्लॉक रही।

इसके बाद इन ठगों ने प्रोफेसर का एक अन्य शख्स से परिचय कराया। यह शख्स आशीष केहैर नाम का सीनियर अधिकारी बताया गया। हालांकि, फंड रिलीज करने के वादे के बिना ही उनसे और ज्यादा पैसे की मांग जारी रही। और इस स्टेज पर आकर डॉक्टर मौनीसामी को अहसास हुआ कि उनके साथ धोखा हो चुका है और फिर उन्होंने अथॉरिटीज को उनके साथ हुए इस बड़े गंभीर साइबर फ्रॉड की जानकारी दी। इसके बाद मामले की जांच शुरू हुई।

ऑलाइन धोखाधड़ी से बचने के तरीके

साइबर फ्रॉड के लगातार बढ़ते मामले के साथ ही आप खुद को ऑनलाइन साइबर क्राइम से कैसे बचा सकते हैं, जानें तरीका…

सोर्स वेरिफाई करें

अनचाहे निवेश प्रस्तावों पर भरोसा न करें; हमेशा जांचें कि आपसे कौन संपर्क कर रहा है।

वेबसाइट URL चेक करें

घोटालेबाज नकली साइटें बनाते हैं; सुरक्षित रहने के लिए वास्तविक एड्रेस को मैन्युअल रूप से टाइप करें।

अच्छी तरह से रिसर्च करें

कंपनी और स्कीम पर की अच्छे से जांच-पड़ताल किए बिना कभी भी निवेश न करें।

हाई रिटर्न मतलब हाई रिस्क

बिना जोखिम वाले अवास्तविक मुनाफ़े (unrealistic profits ) के वादों पर संदेह करें।

कभी भी OTPs/PINs शेयर ना करें

आपको बता दें कि वैध वित्तीय संस्थान कभी भी आपका निजी कोड नहीं मांगेंगे।

ऐप्स को सुरक्षित जगह से डाउनलोड करें

केवल आधिकारिक ऐप स्टोर से ही इन्वेस्टमेंट ऐप्स डाउनलोड करें।

छोटे रिटर्न मिलने पर अलर्ट

घोटालेबाज अक्सर बड़ी धोखाधड़ी के लिए झूठा विश्वास बनाने के लिए पहले छोटे रिटर्न देते हैं।

सॉफ्टवेयर अपडेट रखें

सुनिश्चित करें कि आपके डिवाइस और ऐप्स सुरक्षा के लिहाज से हमेशा अपडेट रहें।

तुरंत कॉन्टैक्ट बंद करें

अगर आपको फ्रॉड का संदेह हो गया है तो स्कैमर्स के साथ तुरंत हर बातचीत बंद कर दें।

अधिकारियों से करें शिकायत

साइबर अपराध पुलिस में शिकायत दर्ज करें और तुरंत अपने बैंक को सूचित करें।