बैटरी से चलने वाली इलेक्ट्रिक गाड़ियों को भविष्य के वाहन कहा जाने लगा है। बाकी दुनिया की तरह भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में तेजी आई है। नीति आयोग ने अपनी ताजा रिपोर्ट Electric Vehicles in India: Unlocking a $200 Billion Opportunity में देश की ईवी इंडस्ट्री की वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाओं पर विचार किया है।
नीति आयोग की इस रिपोर्ट में उन टॉप राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बारे में जानकारी दी गई है जो ईवी अपनाने में सबसे आगे हैं। पॉलिसी इनोवेशन से लेकर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तक, ये क्षेत्र देश के ग्रीन ट्रांसपोर्ट फ्यूचर के लिए नए स्टैंडर्ड स्थापित कर रहे हैं। नीति आयोग की रिपोर्ट “इलेक्ट्रिक व्हीकल्स इन इंडिया: अनलॉकिंग ए $200 बिलियन अपॉर्च्युनिटी (Electric Vehicles in India: Unlocking a $200 Billion Opportunity)” के अनुसार, देश में दिल्ली, महाराष्ट्र, चंडीगढ़ समेत शीर्ष 10 राज्य अपनी सक्रिय नीतियों, इंफ्रास्ट्रक्चर तैयारियों और EV अपनाने की रफ्तार के लिए खास पहचान रखते हैं। 2030 तक भारत के 30% ईवी बिक्री लक्ष्य को हासिल करने में ये प्रदेश महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
हाल ही में एलन मस्क के मालिकाना हक वाली Tesla ने भी भारत में एंट्री की है और पहले मुंबई और फिर दिल्ली में अपने शोरूम खोले हैं। देश में पहले से टाटा, महिंद्रा, ह्यंडैई, सुजुकी जैसी कंपनियां EV मार्केट में अपनी पकड़ बनाने की कोशिश में हैं। लेकिन अब भी अपने EV लक्ष्य से हम बहुत पीछे चल रहे हैं। भारत का इलेक्ट्रिक मोबिलिटी अभियान तेज रफ़्तार पकड़ रहा है।
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भारत के EV इंडस्ट्री के बारे में नीति आयोग की रिपोर्ट की बड़ी बातें
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और पब्लिक ट्रांसपोर्ट
ईवी गाड़ियों को चार्ज करने के लिए सार्वजनिक चार्जिंग प्वाइंट उपलब्ध कराने में दिल्ली, महाराष्ट्र और चंडीगढ़ देश के अन्य राज्यों से आगे हैं। ये राज्य सार्वजनिक यातायात में बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल में भी अन्य राज्यों से आगे हैं। मजबूत पॉलिसी, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और पब्लिक ट्रांसपोर्ट इलेक्ट्रिफिकेशन में ये राज्य सबसे आगे हैं।
इनोवेशन और मैन्युफैक्चरिंग
कर्नाटक, तमिलनाडु और हरियाणा ईवी रिसर्च, इनोवेशन और मैन्युफैक्चरिंग में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की तैयारियों में टॉप
हरियाणा, कर्नाटक, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयारियों में टॉप पर हैं, खासकर प्राथमिक हाईवे कॉरिडोर पर।
भारत में EV बिक्री
भारत में ईवी बिक्री 2016 के 50,000 से बढ़कर 2024 में 20.8 लाख हुई, लेकिन 7.66% पेनिट्रेशन अब भी 2030 के 30% लक्ष्य से काफी पीछे।
टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर का दबदबा
ईवी बिक्री में टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर का दबदबा है। जबकि इलेक्ट्रिक कार और लॉन्ग-हॉल ट्रक अपनाने की रफ्तार धीमी।
बसों का इलेक्ट्रिफिकेशन
अर्बन फ्रेट व्हीकल, बसें और पैरा-ट्रांजिट फ्लीट इलेक्ट्रिफिकेशन के लिए प्राथमिकता पर, क्योंकि इनका उत्सर्जन ज्यादा और चार्जिंग की जरूरतें केंद्रित हैं।
रिपोर्ट की सिफारिश
रिपोर्ट की सिफारिश- पहले 5 शहरों को 5 साल में 100% इलेक्ट्रिक (बसें, पैरा-ट्रांजिट, फ्रेट) बनाया जाए, फिर 20 और उसके बाद 100 शहरों तक स्केल किया जाए।
क्या है बड़ी रुकावट
ईवी को बढ़ावा देने में फाइनेंसिंग बड़ी रुकावट है। पूल्ड फंड, प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग और लीजिंग मॉडल से ई-बस और ई-ट्रक को बढ़ावा देने की जरूरत।
किन चीजों के विस्तार की जरूरत
20 हाई-डेंसिटी कॉरिडोर और अर्बन हॉटस्पॉट पर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का स्ट्रैटेजिक विस्तार जरूरी, ताकि यूज़र्स का भरोसा बढ़े।
मिथक मिटाने की जरूरत
मिथकों को तोड़ने और सुविधा बढ़ाने के लिए अवेयरनेस कैंपेन और यूनिफाइड डिजिटल प्लेटफॉर्म (लोकेशन, बुकिंग, पेमेंट) अनिवार्य है।
2025 में ईवी अपनाने वाले टॉप-10 राज्य:( Top 10 States/UTs Driving EV Adoption in 2025)
दिल्ली- राजधानी दिल्ली ईवी अपनाने में सबसे आगे है। सबसे मजबूत ईवी पेनिट्रेशन, मजबूत चार्जिंग नेटवर्क और आक्रामक नीतिगत समर्थन जैसे बड़े कारण हैं।
महाराष्ट्र- महाराष्ट्र में ईवी की बिक्री में तेजी आई है। व्यापक नीतिगत कदम के साथ ही चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से बढ़ रहा है।
चंडीगढ़- चंडीगढ़ में लोग तेजी से ईवी अपना रहे हैं। नए वाहन रजिस्ट्रेशन में ईवी की हिस्सेदारी करीब 15% पहुचं चुकी है।
कर्नाटक- EV के रिसर्च और डिवेलपमेंट में कर्नाटक सबसे आगे है। ईवी अनुसंधान एवं विकास, मैन्युफैक्चरिंग इनोवेशन और सहयोगी नीतिगत इकोसिस्टम में अग्रणी है।
तमिलनाडु- यह दक्षिण भारत राज्य टारगेटेड औद्योगिक नीतियों के साथ ईवी मैन्युफैक्चरिंग हब बन रहा है।
हरियाणा- हाई चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयारियों के साथ हरियाणा में ईवी अपनाने का रुझान बढ़ता जा रहा है।
केरल- प्रोग्रेसिव ईवी पॉलिसी और सार्वजनिक परिवहन के इलेक्ट्रिफिकेशन में केरल तेजी से आगे बढ़ रहा है।
गुजरात- खरीदारों और निर्माताओं के लिए आकर्षक प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं। चार्जिंग नेटवर्क का विस्तार भी गुजरात में तेजी से हो रहा है।
राजस्थान- नीतिगत प्रोत्साहन से तेज़ी से EV अपनाने का रुझान राजस्थान में बढ़ता दिखाई दे रहा है। ईवी मैन्युफैक्चरिंग हॉटस्पॉट के रूप में उभरता राज्य है।
हिमाचल प्रदेश- पहाड़ी क्षेत्रों और टूरिज्म-फोकस्ड ट्रांसपोर्ट में ईवी को बढ़ावा दिया जा रहा है और यह पहाड़ी राज्य देश में ईवी अपनाने वाले टॉप-10 राज्य में शामिल है।