दुनिया में मोबाइल फोन टेक्नोलॉजी तेजी से बदल रही है। एक जमाना था जब सभी मोबाइल फोन घंटो में चार्ज होते थे। फिर बाजार में फास्ट चार्जर आए जो मोबाइल फोन को कुछ ही मिनटों में चार्ज कर देते हैं। लेकिन आज वायरलेस चार्जिंग का जमाना है।

शुरुआत में वायरलेस चार्जिंग की सुविधा केवल महंगे और प्रीमियम स्मार्टफोन में देखने को मिलती थी लेकिन आज यह टेक्नोलॉजी बजट स्मार्टफोन में भी देखने को मिल रही है। वायरलेस चार्जिंग का उपयोग करते हुए लोगों के मन में कई सवाल उठते हैं। जैसे कहीं वायरलेस चार्जिंग का उपयोग करने से उनके मोबाइल की बैटरी लाइफ पर तो असर नहीं पड़ेगा? क्या वायरलेस चार्जिंग करना पूरी तरीके से सेफ? आइए हम आपको आगे इन सभी सवालों का जवाब देते हैं।

Wireless Charging क्या है?

वायरलेस चार्जिंग वायर चार्जर की तुलना में काफी सुविधाजनक होता है। इसमें आपको चार्जर को वायर से कनेक्ट करने की जरूरत नहीं होती है। बस आपको चार्जर को पावर सॉकेट में लगाना होता है। फिर मोबाइल को चार्जर पैड पर रखना होता है। जिसके बाद मोबाइल फोन चार्ज होने लगेगा।

Wireless Charging कैसे काम करता है?

वायरलेस चार्जिंग टेक्नोलॉजी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन पर काम करती है। आसान भाषा में समझे तो पावर ट्रांसफर के लिए मैग्नेटिक फील्ड का उपयोग किया जाता है। वायरलेस चार्जिंग के पैड में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कॉल लगी होती है। ठीक इस तरह की इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कॉल मोबाइल फोन के बैक साइड में भी लगी होती है। जब भी आप फोन को चार्जिंग पैड पर रखते हैं तो चार्जिंग पैड और मोबाइल के पीछे लगी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कॉल के बीच मैग्नेटिक फील्ड पैदा होता है। जिसके जरिए पावर को चार्जर से मोबाइल फोन में ट्रांसफर किया जाता है।

क्या Wireless Charging से मोबाइल फोन की बैटरी पर असर पड़ता है?

इसका जवाब ना है। किसी भी स्मार्टफोन की बैटरी क्षमता में समय के साथ गिरावट आ जाती है। यदि आप लंबे समय तक वायरलेस चार्जिंग का इस्तेमाल करते हैं तो भी बैटरी की लाइफ साइकिल में कोई अंतर नहीं आएगा। बल्कि वायरलेस चार्जर वायर चार्जर की तुलना में अधिक बेहतर माने जाते हैं। उदाहरण के लिए यदि आप 30 वॉट के वायरलेस चार्जर का उपयोग करते हैं लेकिन आपका फोन 15 वॉट चार्जिंग को ही सपोर्ट करता है। तो वायरलेस चार्जर आपके फोन को 15 वॉट के हिसाब से ही चार्ज करेगा।

क्या Wireless Charging सेफ है?

वायरल चार्जिंग वायर चार्जर के जितनी ही सेफ मानी जाती है। इसमें शॉर्ट सर्किट का भी कोई खतरा नहीं रहता है क्योंकि चार्जिंग के लिए काफी कम पावर उपयोग होता है। जिससे बिजली के झटके आदि की भी कोई संभावना नहीं रहती है।