जब AQI गिरने लगे और सुर्खियां बने तो समझ जाइये कि खराब हवा आपके फेफड़ों पर असर डाल रही है। इसलिए कोशिश करें कि वायु गुणवत्ता अच्छी रहे ताकि आप साफ-सुथरी सांस ले सकें। हालांकि आप बाहर मौजूद PM 2.5 और हानिकारक गैसों की जहरीली परत से पूरी तरह बच नहीं सकते। लेकिन कम से कम घर के अंदर की हवा को सुरक्षित बनाने के लिए कुछ अहम कदम जरूर उठा सकते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि घर के अंदर की हवा, बाहर की हवा की तुलना में कई गुना ज्यादा प्रदूषित हो सकती है। इसलिए ज्यादा प्रदूषण वाले मौसम में घर की हवा को स्वच्छ रखना ही आपकी सबसे पहली सुरक्षा ढाल बन जाता है। ज्यादातर लोगों के लिए इसका सबसे आसान समाधान होता है-एक प्रीमियम एयर प्यूरीफायर खरीदना और मशीन को अपना काम करने देना। लेकिन सवाल यह है कि जिनके पास इसे खरीदने की क्षमता नहीं है या जो हर कमरे में एयर प्यूरीफायर नहीं लगा सकते- वे क्या करें?
इसी सवाल का जवाब खोजने के लिए जनसत्ता के सहयोगी Financial Express ने बात की Dyson के इंजीनियर स्टुअर्ट थॉम्पसन से जो हवा को अधिकतम प्रभावी तरीके से फिल्टर करने के उपायों पर काम करते हैं। हालांकि थॉम्पसन का मानना है कि एक अच्छा एयर प्यूरीफायर सबसे प्रभावी समाधान है। लेकिन उन्होंने कुछ ऐसे आसान और व्यवहारिक सुझाव भी दिए हैं जिनसे वे घर-जहां प्यूरीफायर नहीं है, अपनी इनडोर एयर क्वालिटी को बेहतर बना सकते हैं।
प्रदूषित कणों को दरवाजे पर ही रोक दें
जैसे कीड़े-मकौड़े आसानी से घर के अंदर घुस आते हैं, वैसे ही प्रदूषक तत्व (pollutants) भी जूते या चप्पलों के जरिए घर में प्रवेश कर जाते हैं। थॉम्पसन के अनुसार, अगर आप घर में एक ‘शू-फ्री ज़ोन’ बना लें तो यह आपके रहने की जगह में प्रदूषण को कम करने का एक बेहद आसान और प्रभावी तरीका हो सकता है।
इसके साथ ही, माइक्रोफाइबर डोरमैट्स (Microfibre Doormats) लगाने से धूल, pollen और बाहरी सूक्ष्म कणों (particulate matter) की मात्रा को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
कारपेट और फ्लोरिंग
क्या आपको पता है कि कालीन यानी कारपेट असल में प्रदूषकों के लिए चुंबक (pollutant magnets) की तरह काम करते हैं? ये अपने रेशों (fibers) में गहराई तक धूल, पालतू जानवरों के बाल (pet dander) और एलर्जन (allergens) को फंसा लेते हैं, जो फर्श पर खेलने वाले बच्चों के लिए काफी हानिकारक साबित हो सकते हैं। थॉम्पसन के अनुसार, घर के कालीन और सॉफ्ट-टच फ्लोरिंग की नियमित रूप से डीप क्लीनिंग ज़रूरी है। इसके लिए HEPA फ़िल्टर वाले वैक्यूम क्लीनर का इस्तेमाल सबसे आसान और प्रभावी तरीका माना जाता है।
इसके अलावा, पुराने और मोटे रेशों वाले कालीन (high-pile carpets) को हटाना भी घर की हवा को स्वच्छ बनाए रखने में मदद करता है।
घर के सामान का ध्यान ठीक तरह रखें
कई सारे क्लीनिंग और पर्सनल-केयर आइटम्स से वॉलेटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड्स (VOCs) निकलते हैं जो प्रदूषण के समय घर की हवा को और भी ज्यादा खराब कर देते हैं। थॉम्पसन के अनुसार, ऐसे समय में लो-VOC या नो-VOC प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करना बेहतर है ताकि आपके फेफड़े सुरक्षित रहें। इसके साथ ही, तेज परफ्यूम या सुगंधित स्प्रे के इस्तेमाल से बचना चाहिए क्योंकि ये सांस की एलर्जी या जलन बढ़ा सकते हैं।
वेंटिलेशन को समझदारी से मैनेज करें
यह भले ही थोड़ा उल्टा लगे लेकिन ज्यादा प्रदूषण वाले मौसम में खिड़कियां बंद रखना अधिक फायदेमंद साबित हो सकता है। क्योंकि बाहर की हवा में प्रदूषण का स्तर बेहद ऊंचा होता है। इसलिए बेहतर है कि आप उसे घर के अंदर आने से रोकें। नमी और इनडोर प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एग्जॉस्ट फैन का इस्तेमाल करें। अगर संभव हो तो एयर कंडीशनर (AC) भी मददगार होता है, क्योंकि यह नमी के स्तर को संतुलित रखता है। वेंटिलेशन तभी करें जब बाहर का AQI (Air Quality Index) सामान्य या कम स्तर पर हो।
घर को डी-क्लटर (De-clutter) करें
विश्वास करें या नहीं, गंदगी और बिखराव (clutter) वाला घर ज्यादा धूल और एलर्जन जमा करता है जिससे सफाई मुश्किल हो जाती है। थॉम्पसन के अनुसार, घर को डी-क्लटर करना सिर्फ जगह साफ करने का काम नहीं है बल्कि यह घर की हवा को भी साफ रखने में सीधा योगदान देता है। गैर-जरूरी सामान हटाने से धूल जमने की संभावना कम होती है। फर्नीचर लेआउट और बेहतर होम मैनेजमेंट रणनीति अपनाने से इनडोर एयर क्वालिटी में बड़ा सुधार हो सकता है।

