चीन ने विश्व के पहले ‘‘क्वांटम’’ उपग्रह का सफल प्रक्षेपण किया। इस उपग्रह के बारे में कहा गया है कि इसमें सुरक्षा के विशेष उपाय किए गए हैं जिससे यह अंतरिक्ष और जमीन के बीच ‘‘हैक-प्रूफ’’ संचार स्थापित कर सकेगा। इसका मतलब है कि ये सैटेलाइट सुरक्षा के लिहाज से काफी अहम साबित होगा। साथ ही इसे हैक करना मुश्किल होगा।
सरकारी संवाद एजेंसी शिन्हुआ ने खबर दी है कि उपग्रह का प्रक्षेपण उत्तरपश्चिम में गोबी रेगिस्तान में स्थित जिक्यूआन उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से किया गया। इस उपग्रह का वजन करीब 600 किलोग्राम है और ईसा पूर्व पांचवीं सदी के चीनी दार्शनिक तथा वैज्ञानिक के नाम पर उपग्रह को ‘‘मिसियस’’ नाम दिया है जिन्हें मानव इतिहास में पहला आप्टिक प्रयोग करने का श्रेय प्राप्त है। क्वांटम संचार में विशेष सुरक्षा व्यवस्था होती है क्योंकि क्वांटम फोटोन को न तो अलग किया जा सकता है न ही इसकी प्रतिकृति तैयार की जा सकती है।
अमेरिका, जापान, कनाडा और यूरोप के कई देश क्वांटम कम्युनिकेशन सिस्टम डेवलप करने की कोशिश कर रहे हैं। सीआईए के पूर्व इम्प्लॉई एडवर्ड स्नोडेन ने कुछ साल पहले खुलासा किया था कि अमेरिका चीन के सैटेलाइट्स की इन्फॉर्मेंशन को डिकोड कर लेता है। इसके बाद से ही चीन ऐसी टेक्नोलॉजी डेवलप करने की कोशिश कर रहा था, जिसे डिकोड या एन्क्रिप्ट न किया जा सके। दरअसल क्वांटम तकनीक में फोटोन की नकल नहीं की जा सकती है। ऐसे में तकनीक की मदद से सूचनाओं को हैक कर पाना मुमकिन नहीं है। हालांकि अमेरिका चीन पर पहले से ही उसके कम्प्यूटर सिस्टम्स हैक करके कॉमर्शियल सीक्रेट्स और जानकारियों चोरी करने का आरोप लगाता रहा है।