राजकुमार सिंह

अच्छी सेहत के लिए जिस तरह पौष्टिक आहार बेहद जरूरी है, उसी तरह शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए भरपूर नींद भी चाहिए। यह बात बुजुर्गों से सुनते आए हैं कि रात को जल्दी सोना और सुबह को जल्दी उठना स्वास्थ्य के लिए उत्तम रहता है। कई शोधों में यह साबित भी हो चुका है कि भरपूर नींद लेने वालों की याददाश्त भी दुरुस्त रहती है। गांव-देहात में तो आज भी लोगों की दिनचर्या सामान्य है, लेकिन शहरों में काम की आपाधापी और भागमभाग भरी जिंदगी में न सिर्फ भोजन बल्कि सोने-जागने का समय भी प्रभावित हुआ है। इससे न सिर्फ मानसिक तनाव जैसी कई समस्याओं ने जन्म लिया है बल्कि कई बीमारियां भी पनपनी शुरू हो गई हैं। कुछ अध्ययनों में यह साबित हुआ है कि प्रतिदिन सोने का समय असमान रहने का असर पूरे शरीर पर पड़ता है और इससे त्वचा सहित कई अंग प्रभावित होते हैं।

नींद जीवन का जरूरी हिस्सा है मगर कम ही लोग जानते हैं कि अपर्याप्त नींद की वजह से मोटापा भी बढ़ता है। कम सोने वाले लोगों में भूख बढ़ाने वाला हार्मोन पंद्रह फीसद अधिक बनता है, हार्मोन के बढ़ने की वजह से लोग अधिक खाते हैं और मोटापे से ग्रस्त हो जाते हैं। जबकि पर्याप्त नींद लेने वाले लोगों में यह हार्मोन सामान्य मात्रा में ही बनता है। ठीक से नींद लेने वालों का शरीर स्फूर्ति से भरा रहता है। साथ ही कई बीमारियों से लड़ने वाली कोशिकाएं भी सुचारु रूप से काम करती हैं। ऐसे में शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता तो बढ़ती ही है साथ ही अल्सर, आंखों में सूजन, आलस्य, थकावट, तनाव, कमजोरी, मधुमेह, रक्तचाप और मोटापा आदि कई बीमारियों से बचाव भी होता है। नींद का प्रभाव बच्चों और किशोरों पर भी पड़ता है। पर्याप्त नींद उन्हें अवसाद से बचाए रखती है और उनके आत्मविश्वास में इजाफा होता है।

अक्सर अपनी त्वचा और चेहरे के निखार को लेकर फिक्रमंद रहने वाली महिलाओं को इस बात की जानकारी नहीं होती कि उनको खूबसूरत बनाने वाले तमाम नुस्खे उन पर कारगर क्यों नहीं हो रहे? दरअसल, इसके पीछे होती है उनकी अधूरी नींद और असमय सोने जागने की आदत। भरपूर नींद न लेना जितना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है उतना ही त्वचा और अन्य अंगों के लिए भी। जो लोग रात को पूरी नींद नहीं ले पाते हैं उनकी त्वचा धीरे-धीरे खुश्क होने लगती है और उसकी कोमलता समाप्त होने लगती है। दरअसल, कम नींद लेने वाली महिलाओं की त्वचा रूखी हो जाती है और उसकी संवेदनशीलता भी घट जाती है। अधूरी नींद से जहां चेहरे पर थकावट नजर आने लगती है। वहीं समय से पहले ही उम्र का प्रभाव नजर आने लगता है।

त्वचा पर महीन रेखाएं और झुर्रियां उभरने लगती हैं और चेहरा जवान दिखने की बजाय बुझा-बुझा नजर आने लगता है। वहीं चेहरे पर काले घेरे भी अक्सर रात में देर तक जागने की वजह से ही नजर आने लगते हैं। अगर यह कहा जाए कि नींद किसी भी प्राणी के लिए टॉनिक की तरह है तो गलत नहीं होगा। नींद जहां पेट का हाजमा दुरुस्त रखने में अहम भूमिका निभाती है वहीं यह दिमाग को तरोताजा रखने के लिए भी बेहद जरूरी है। इसके अलावा शरीर में ऊतकों के निर्माण और मांसपेशियों के विकास के साथ रक्तचाप को सामान्य बनाए रखने के लिए भी पूरी नींद लेना जरूरी है। इसका सीधा मतलब यह है कि एक व्यक्ति को कम से कम 6 से घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए। इससे कम नींद अगर दिनचर्या का हिस्सा बन चुकी है तो फिर यह स्वास्थ्य के लिए खतरे की घंटी है।

लगातार काम के दबाव में अक्सर बातें भूलने लगती हैं। भरपूर नींद किसी व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक शक्ति को बनाए रखने के लिए जरूरी है।

कम नींद के दुष्प्रभाव
कम सोना कई समस्याओं को जन्म देता है। इसका प्रभाव पूरे शरीर और मानसिक क्षमता पर पड़ता है।
चिंता और अवसाद नींद न आने की वजह से बढ़ते हैं।
कम सोना कई तरह के बुरे ख्याल पैदा करता है और व्यक्ति मानसिक व भावनात्मक असुरक्षा के भाव से घिरने लगता है।
पर्याप्त नींद न लेने की वजह से निर्णय लेने की क्षमता पर प्रभाव पड़ता है और दिल से जुड़ी कई बीमारियों के पनपने का खतरा बढ़ने लगता है।

अच्छी नींद के लिए क्या करें
सुबह का नाश्ता, दोपहर और रात का भोजन समय पर जरूर लें।
आहार में हरी सब्जियों के साथ दालें, अनाज और सलाद खाएं। भरपूर पानी पिएं।
मसालेदार और अधिक तेल के भोजन लेने से बचें। इससे भी पेट की कई दिक्कतें पनपती हैं और नींद नहीं आती।
समय पर सोने और जागने की आदत बनाएं।
सकारात्मक सोच रखें और अकेलेपन से दूर रहें इससे चिंताग्रस्त नहीं होंगे तो नींद समय पर और अच्छी आएगी।
अक्सर कई बार चाय और कॉफी अधिक लेने के कारण भी नींद देर से और कम आती है। इसलिए इसे संतुलित मात्रा में ही लें।
किसी भी तरह का नशा नींद में बाधक बनता है। इसलिए रात को शराब या सिगरेट के बजाय दूध लें। दूध में ट्राइपटोफेन और सिरोटोनिन तत्त्व होते हैं। इनसे अच्छी नींद आने की संभावना बढ़ जाती है।
नींद समय पर न आती हो तो रात में कुछ देर टहल लें इससे अच्छी नींद आती है।
इसके अलावा संगीत सुनने या किताबें पढ़ने का शौक भी नींद लाने में सहायक होता है।
वहीं सुबह या शाम के वक्त अगर व्यायाम किया जाए तो भी अच्छी नींद आने की संभावना बढ़ जाती है। बस इतना ध्यान रखना चाहिए कि शाम का व्यायाम भोजन लेने से कम से कम तीन घंटा पहले करना चाहिए।
वहीं रात में नहाने का विकल्प भी अपनाया जा सकता है। इससे बेचैनी खत्म होती है और अच्छी नींद आती है।