मुन्ना चर्चे हर दिन सुनता
पर्यावरण प्रदूषण के
बोला इक दिन बापू,बापू
दिल्ली मुझे घुमा लाओ।
ध्वस्त हो गई अगर कहीं तो
कब घूमूंगा बतलाओ।
दिल्ली के बारे में बातें
सुनते मुंह से जन-जन के।
आज खांसती दिल्ली बापू
कल मुंबई भी खांसेगी।
परसों कोलकाता, चेन्नई को
भी यह खांसी फांसेगी।
पैर पड़ रहे हैं धरती पर
रावण के खर-दूषण के।
नष्ट नहीं हो इसके पहले
मुंबई मुझे घुमा देना।
कोलकाता कैसा है बापू
दरस परस करवा देना।
चेन्नई चलना वहां नौकरी
करते पापा मुनमुन के।
बापू बोले सच में ऐसी
बात नहीं है रे मुन्ना।
इतनी निष्ठुर नहीं हुई है
अपनी ये धरती अम्मा।
फर्ज निभाकर पेड़ लगाना
रोज हजारों गिन गिन के।
पेड़ लगाकर धुआं मिटाकर
अपनी धरा बचा लेंगे।
जहर नहीं बढ़ने देंगे हम
पेड़ नहीं कटने देंगे।
पर्यावरण बचा लेंगे हम
आगे बढ़कर तन तन के।