बच्चा और पेड़
बच्चे ने
पेड़ पर पत्थर फेंका
पेड़ चौंका
उसने सोचा
फूल फल कुछ भी
तो नहीं
कैसे पूरी करूं
इस बच्चे की आस
केवल पत्तियां ही तो
शेष हैं
मेरे पास
बच्चे को क्या दूं
बच्चे का पत्थर खाली
नहीं जाएगा
मेरा भी
मान रह जाएगा
बच्चा खुश हो जाएगा
पेड़ ने फिर तो
वही किया
बच्चे के सामने
कुछ पत्तियां गिरार्इं
बच्चे ने कुछ पत्तियां उठाई
और घर की तरफ दौड़ लगाई।
ओम उपाध्याय
अपनी धरती
कितनी अच्छी लगती हमको
अपनी प्यारी धरती
ठंडी-ठंडी हवा घूमती
नदियां कल-कल बहती
वृक्ष हमें जीवन देते हैं
खाना देते पानी देते
गंदी हवा स्वयं ले लेते
अधिक लगाएं पेड़ अगर हम
धरती भी बच जाएगी
रेगिस्तान न और बनेंगे
हरियाली छा जाएगी
जीवन अगर बचाना है
पेड़ अनेक लगाना है
हरियाली छा जाएगी
तो धरती मां बच जाएगी।
शशि गोयल