आई दिवाली

जगमग-जगमग आई दीवाली
सबके मन को भाई दीवाली
अपना जगमग-जगमग आंचल
फहराकर हर्षाई दिवाली
भेदभाव और द्वेष की छाया
मन में कभी न दिखने पाया
दीप जलाओ ज्ञान का मन में
अंधियारा न टिकने पाया

सच्चाई के दीप जलाकर
उजियारा जग में फैलाओ
कहीं बुराई ठहर सके न
अच्छाई को यों अपनाओ

अच्छाई और सच्चाई का
विजय संदेसा लाई दिवाली
अपनी आभा देख जगत में
हर्षित हो मुस्काई दिवाली