अनुप्रिया 

किताब

काले अक्षर की माला में
गूंथा हुआ जवाब हूं
मैं तो प्यारी मुनिया की
एकदम नई किताब हूं

मेरे भीतर कई कहानी
कितने सारे रंग
उड़ता बादल,चहकी चिड़िया
सब हैं मेरे संग

उड़नखटोला अभी उड़ा है
लेकर सपने साथ
आसमान की सैर करेंगे
दे दो अपना हाथ
प्यासा कौआ ढूंढ़ रहा है
पानी की एक मटकी
शेर आ रहा पास है अब तो
सांस हमारी अटकी

मुन्ना खाए आम रसीला
मुनिया देखे फूल
खेल-खेल में पढ़ते बच्चे
बातें सारी भूल।
चिड़िया रानी

चिड़िया रानी पल भर ठहरो
मुझको तुम एक बात बताओ
कैसे गाती इतना मीठा
आज पहेली यह सुलझाओ
कैसे नन्हे पंखों के बल
आसमान छू पाती हो
तुम्हें पकड़ने हम जो आएं
झट से तुम उड़ जाती हो
कैसे छोटी चोंच तुम्हारी
चुग जाती है दानों को
आज बताना होगा तुमको
हम नन्हे अनजानों को
एक दिन फुरसत में हमको भी
आसमान की सैर कराओ
चूं-चूं चीं-चीं की भाषा में
नई कहानी हमें सुनाओ।