केंद्र में सामाजिक न्याय और सशक्तीकरण मंत्रालय की कमान संभाल रहे मंत्री कृष्णपाल गुर्जर मोदी सरकार की साढ़े तीन साल पुरानी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि यही मानते हैं कि देश में भरोसे का माहौल पैदा हुआ है, निराशा के बादल छंटे हैं। उनका कहना है कि नोटबंदी और जीएसटी जैसे बड़े और कड़े फैसलों का सकरात्मक नतीजा आने में वक्त लगता है। हरियाणा की राजनीति के प्रमुख चेहरा और फरीदाबाद से सांसद गुर्जर मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर को पूरे नंबर देते हुए कहते हैं कि उन्होंने ‘एक हरियाणा, एक हरियाणवी’ के नारे को पूरा करने के साथ भ्रष्टाचार पर बड़ी चोट की है। जनसत्ता बारादरी का संचालन किया कार्यकारी संपादक मुकेश भारद्वाज ने।

कृष्णपाल गुर्जर क्यों

केंद्र और राज्य दोनों में भाजपा की सरकार होने के बावजदू हरियाणा विकास से लेकर कानून-व्यवस्था तक के सवालों के घेरे में है। आधुनिक शहरों का ब्रांड अंबेसडर बना गुरुग्राम कंप्यूटर नहीं जाम और अपराध के लिए जाना जाने लगा है, तो स्मार्ट सिटी में शुमार फरीदाबाद भी खस्ताहाल है। जाट आंदोलन, आरोपी बाबाओं पर कार्रवाई, नोटबंदी, जीएसटी से लेकर महंगी रसोई गैस के सवालों से मुठभेड़ के लिए सामाजिक न्यायमंत्री और हरियाणा की जमीनी राजनीति से जुड़े कृष्णपाल गुर्जर से बेहतर चेहरा और कौन होता।

मनोज मिश्र : हरियाणा में पहली बार बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बनी है। मगर इधर ऐसा क्या हुआ कि वहां पार्टी की छवि उतार पर है?

कृष्णपाल गुर्जर : ऐसा मैं नहीं मानता कि वहां भाजपा उतार पर है। दो नगरपालिकाओं के चुनाव हुए हैं- फरीदाबाद नगर निगम और गुरुग्राम। नोटबंदी के प्रभाव के समय में फरीदाबाद में चालीस में से बत्तीस सीटें हमने जीतीं। गुरुग्राम में हम चौदह जीते। वहां पहले हमारे पास चार सीटें हुआ करती थीं, अब चौदह हैं। अगर चुनाव पैमाना है, तो कहा जा सकता है कि भाजपा की लोकप्रियता कम नहीं हुई है।

अजय पांडेय : क्या वजह है कि जाट आंदोलन रहा हो, राम रहीम की गिरफ्तारी या फिर प्रद्युम्न की हत्या, खट्टर सरकार कानून-व्यवस्था के मामले में कमजोर साबित हुई?
’पहली बार हरियाणा में भाजपा की सरकार बनी है, हमारे विपक्षी साथियों को यह बात हजम नहीं हो पा रही। इसलिए वे हर कोशिश करते हैं कि सरकार को अस्थिर किया जाए, पर वे इसमें सफल नहीं हो पाएंगे। जाट आंदोलन में जिन लोगों का हाथ था, वह अब जगजाहिर हो चुका है। उनके आॅडियो कैसेट सामने आ गए हैं। लेकिन सरकार बहुत सूझ-बूझ के साथ उससे निपटी, नहीं तो काफी जान-माल की हानि होती। कोई भी सरकार अपने लोगों को इस तरह नहीं कुचल सकती। बहुत सोच-समझ कर उस आंदोलन से निपटा गया और विपक्षी दलों के मंसूबे तोड़े गए।

मनोज मिश्र : मगर इस सबसे मुख्यमंत्री की लोकप्रियता घटी है।
’मैं कहता हूं कि लोकप्रियता से अधिक उनकी विश्वसनीयता बढ़ी है। हरियाणा बनने के बाद पिछले तीस सालों में ये पहले मुख्यमंत्री हैं, जिन पर कोई आरोप लगाने की हिम्मत भी नहीं कर पाया है। दूसरा, यह पहली सरकार है, जिसने हरियाणा को परिवारवाद और क्षेत्रवाद से मुक्त किया है। भ्रष्टाचार से मुक्त किया है। ‘हरियाणा एक हरियाणवी एक’ सिर्फ कहने के लिए नहीं है। नब्बे के नब्बे विधानसभा क्षेत्रों में समान रूप से विकास के काम हुए हैं। नौकरियों में भाई-भतीजावाद, रिश्वतखोरी को खत्म करके नौकरियां देने का काम किया है। तबादले के लिए शिक्षा के क्षेत्र में नीति बनाई, जो भ्रष्टाचार का अड्डा था। आज आॅनलाइन ट्रांसफर होते हैं। मनोहर जी की सरकार ने हर उस आदमी को नौकरी दी है, जिसके पास सिफारिश नहीं थी, जिसके पास पैसा नहीं था।

अजय पांडेय : हरियाणा के बहुत सारे विधायकों की शिकायत है कि उनके जायज काम भी नहीं हो पा रहे हैं। ऐसा क्यों है?
’मुझे आज तक कोई ऐसा विधायक नहीं मिला, जो कहता हो कि मेरा विकास संबंधी काम नहीं होता। लोगों ने हमें विकास के लिए चुना है। विकास के मामले में मुख्यमंत्री ने बहुत सराहनीय काम किया है। हरियाणा में यह पहली सरकार है, जिसने फरीदाबाद नगर निगम के लिए बारह सौ करोड़ रुपए देने की घोेषणा की। केंद्र की बाकी योजनाओं के तहत मिलने वाले पैसों की बात छोड़ दें। पहले की सरकारें फरीदाबाद के लिए लोन के तौर पर गुरुग्राम नगर निगम से भीख की तरह पैसा लेती थीं। मगर यह पहली सरकार है, जिसने फरीदाबाद के विकास के लिए बारह सौ करोड़ रुपए दिए हैं। इसलिए वहां विकास के काम हो रहे हैं। ऐसे ही पलवल और दूसरे नगर निगमों में हो रहा है। मैं नहीं मान सकता कि विकास को लेकर कोई विधायक नाराज है।

सूर्यनाथ सिंह : गुरुग्राम का विकास तो हुआ, अब फरीदाबाद का विकास किया जा रहा है, मगर उसके अनुसार वहां की सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर योजना नहीं बनी, इसलिए वहां अपराध बढ़ रहे हैं। इसकी कोई योजना है सरकार के पास?
’मैं मानता हूं कि सुरक्षा के मामले में कमी है। वहां पुलिस बल की कमी है। अभी उसके लिए भर्ती प्रक्रिया चल रही है। कुछ भर्तियां हुई हैं, अभी पचपन सौ और भर्तियों के लिए आवेदन मंगाए गए हैं। कानून-व्यवस्था की जो स्थिति है, वह वहां पहली बार नहीं है। पर अब उस पर काफी हद तक नियंत्रण है।

अरविंद शेष : पिछले कुछ दिनों में केंद्र सरकार ने नोटबंदी और जीएसटी जैसे जो फैसले किए उससे लगता है कि सरकार कहीं फिसल रही है। कुछ व्यक्तिपरक राजनीति भी होती दिखने लगी है। भाजपा में लगता है कि नेता सिर्फ मोदी हैं। ऐसा क्यों?
’मैं नहीं मानता कि व्यक्तिपरक राजनीति हो रही है। मोदी जी की पहली ऐसी सरकार है, जिसने व्यक्तिगत हित और पार्टी हित से ऊपर देशहित को रखा हुआ है। इसीलिए कठोर निर्णय लिए जा रहे हैं, चाहे वह नोटबंदी का हो या जीएसटी का। देखिए, जब भी कोई बड़ा बदलाव होता है, तो उसमें परेशानियां आती हैं। ये जितने भी निर्णय हैं, उनका फायदा नजर आने लगा है। बैंकों से कर्ज की दरों में कमी आई है। जीएसटी से अनेक तरह के करों से देश को मुक्ति मिली है। प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री ने पहले ही दिन कहा था कि इसमें आने वाली अड़चनों को समय-समय पर दूर करने का प्रयास किया जाएगा। किसी भी फैसले के नतीजे एकदम से नहीं आ जाते, उसमें थोड़ा वक्त तो लगता ही है। कांग्रेस ने जिस ढांचे को बिगाड़ दिया था, उसे सुधार करने का प्रयास किया जा रहा है।

सूर्यनाथ सिंह : आपकी सरकार पर आरोप है कि इसने कुछ नया नहीं किया है। महज पिछली सरकार की योजनाओं के नाम बदल दिए हैं। आप अपनी सरकार की बड़ी उपलब्धि किसे मानते हैं?
’सबसे बड़ी उपलब्धि है कि देश में भरोसे का माहौल बना है। यूपीए सरकार के दौरान लोगों में राजनीति के प्रति अविश्वास का भाव भर गया था, वह इस सरकार के आने के बाद दूर हुआ है। इस सरकार ने निराशा के वातावरण को विश्वास में बदला है। दूसरा सबसे बड़ा काम यह हुआ है कि राजनीतिक लोगों पर जो भ्रष्टाचार के आरोप लगा करते थे, उससे मोदी जी की सरकार ने मुक्ति दिलाई है। इतने सारे गरीबों के खाते खोल दिए उन्होंने, दस हजार गांवों में बिजली पहुंचा दी। गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले दो करोड़ लोगों को एलपीजी कनेक्शन दिए। ये पहले प्रधानमंत्री हैं, जिनके कहने से एक करोड़ लोगों ने रसोई गैस सबसिडी छोड़ दी। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने पूरी दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा को बढ़ाने का काम किया है।

मृणाल वल्लरी : आपकी सरकार ने गैस सबसिडी तो छुड़वाई, लेकिन बिना सबसिडी वाले रसोई गैस सिलेंडरों की कीमतों में जिस तरह से बढ़ोतरी हुई है, उसमें सबसिडी छोड़ने वाले बहुत से लोग ठगे हुए महसूस कर रहे हैं।
’गैस की कीमतों की जहां तक बात है, जरा आप उन कतारों के बारे में सोचिए, जो गैस पाने के लिए सुबह छह बजे से लगा करती थीं। पच्चीस दिन पर बुकिंग हुआ करती थी। बारह सिलेंडर की सीमा थी। जरा यह सोचिए कि तब बारह सिलेंडर के बाद ब्लैक में सिलेंर कितने रुपए में मिला करते थे। वह सारी कालाबाजारी, वह लाइन लगना सब बंद हो गया। अब चाहे जितने सिलिंडर ले लो। भाजपा सरकार ने लोगों को पहले की तमाम समस्याओं से मुक्ति दिलाई है।

अनूप चौधरी : बड़ी योजना क्या ला रहे हैं फरीदाबाद के लिए?
’सारे काम इतने कम समय में तो नहीं हो जाएंगे, पर आप देखिए कि वहां की कनेक्टिविटी सुधरी है, सड़कें सुधरी हैं। फरीदाबाद को स्मार्ट सिटी में शामिल किया गया है। वहां के रेलवे स्टेशन में सुधार हो रहा है। सिक्स लेन हाइवे का काम चल रहा है। नोएडा से कनेक्टिविटी के लिए टेंडर हो गया है। कई कॉलेज और यूनिवर्सिटी वहां आ गए। आने वाले एक साल में फरीदाबाद आपको काफी बदला हुआ नजर आएगा।

मृणाल वल्लरी : गुरुग्राम को विकास की तस्वीर बनाया गया था, अब वहां अपराध बढ़ रहे हैं, जाम लगा रहता है, बहुराष्ट्रीय कंपनियों के विदेशी अधिकारी वहां रहना नहीं चाहते, क्योंकि गोमांस खाने पर उन पर हमले होते हैं। शाइनिंग हरियाणा के नारे के बीच ऐसे भयावह हालात क्यों?
’गुरुग्राम हरियाणा का आईना है। उस आईने का ढांचा पिछले तीस सालों में नहीं बदल पाया। जाम से मुक्ति नहीं मिल पाई। वहां उद्योग आए, इसलिए कि एअरपोर्ट के नजदीक था। अब आज अगर आप गुरुग्राम जाएंगे, जयपुर नेशनल हाइवे पर, तो जाम नहीं मिलेगा। हमारी सरकार ने बहुत सारे भूमिगत पारपथ बनाए हैं। यह काम पिछली सरकारों ने नहीं किया। हजारों करोड़ रुपए खर्च करके इस समस्या से मुक्ति दिलाने का प्रयास किया जा रहा है।

सूर्यनाथ सिंह : जब विनोद शर्मा का बेटा एक अपराध में पकड़ा गया, तो उनसे इस्तीफा मांगा गया और जब हरियाणा प्रदेश भाजपा के नेता का लड़का अपराध में पकड़ा गया, तो पूरी सरकार और भाजपा ‘बेटा बचाओ’ में लग गई?
’ऐसा नहीं है। किसी ने भी उसके लिए अनुचित दबाव नहीं डाला। फिर दोनों मामलों में अंतर है। पहले वाली में हत्या की गई थी। इसमें ऐसा बड़ा अपराध नहीं हुआ। उसके लिए कानून अपना काम कर रहा है, उसमें किसी का भी बेटा क्यों न हो, अगर वह दोषी पाया जाएगा, उसे सजा मिलेगी।

अरविंद शेष : नोटबंदी के बाद काफी लोगों की नौकरी चली गई। यह कैसा विकास है कि सरकार खुद तो नौकरियां दे नहीं पा रही और दूसरी तरफ लोगों का रोजगार छिन रहा है?
’देखिए, हर किसी को सरकारी नौकरी दे पाना संभव नहीं है। पर आप निजी क्षेत्र में देखेंगे, तो रोजगार के स्तर पर बहुत तेजी आई है। स्टार्ट-अप इंडिया योजना के तहत करीब चार करोड़ लोगों को अपना रोजगार शुरू करने के लिए कर्ज दिया गया है। इससे भी तो रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

मनोज मिश्र : संसद का सत्र आमतौर पर नवंबर के पहले हफ्ते में शुरू हो जाता है, पर इस बार ऐसा नहीं हो रहा। क्या इसलिए कि गुजरात में चुनाव होने हैं?
’यह विपक्ष का मिथ्या प्रचार है कि गुजरात चुनाव की वजह से सरकार संसद सत्र शुरू नहीं कर रही।

अजय पांडेय : आरोप है कि इस सरकार ने हरियाणा को जाट और गैर-जाट में बांट दिया। यह कितना सही है?
’जो लोग ऐसा कहते हैं, वे हरियाणा के हितैषी नहीं हैं। हरियाणा दोस्ती की, भाईचारे की मिसाल के तौर पर जाना जाता है। जो लोग इस मिसाल को तोड़ना चाहते हैं, वे भले लोग नहीं हैं। कहते हैं कि हरियाणा एक, हरियाणवी एक है। सब भाई हैं।

सूर्यनाथ सिंह : मगर जब वहां की खाप पंचायतें अपना फैसला थोपती हैं, तब वह भाईचारा कहां होता है?
’खाप पंचायतें किसी के खिलाफ नहीं होतीं। वे सदियों से चली आ रही अपनी रीति-नीतियों को बचाने का प्रयास करती हैं। उन्हीं को लेकर वे फैसला करती हैं। लेकिन अब जमाना बदल रहा है, तो मैं कहना चाहूंगा कि जमाने के मुताबिक उन्हें भी अपने को बदलने का प्रयास करना चाहिए। किसी को भी कानून से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए, चाहे वह खाप हो या कोई और।

अरविंद शेष : पिछले तीन सालों में रेल सेवाएं बहुत खराब हुई हैं। इसे सुधारने का कोई प्रयास हो रहा है क्या?
’रेल सेवाओं में सुधार हो रहा है। आप रेलमंत्री को ट्वीट कीजिए और आपकी समस्या का तुरंत निराकरण हो जाता है। ट्रेनों के समय पर न पहुंचने के कई कारण हैं, जैसे अभी धुंध थी, उससे बाधा आई। और बात यह है कि जो काम लोग साठ साल में नहीं कर पाए, वह आप हमसे तीन साल में कराना चाहते हैं? लेकिन हम सुधार की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं।

मुकेश भारद्वाज : आपकी पार्टी ने दावा किया था कि उसकी सरकार बन जाएगी तो एक महीने के अंदर रॉबर्ट वाड्रा जेल के अंदर होंगे। अब केंद्र और हरियाणा दोनों जगह भाजपा की सरकार है, पर कोई आसार नजर आ नहीं रहे उनके जेल जाने के!
’देखिए, जेल भेजना न्यायालयों का काम है। हमें जो काम करना था कर दिया है।

 

प्रस्तुति: सूर्यनाथ सिंह / मृणाल वल्लरी