जस्टिस नागरत्ना ने कहा, “आप सुप्रीम कोर्ट के साथ ऐसा नहीं कर सकते। हम बेहद आक्रोशित हैं। अगर आप इस तरह के मामले दर्ज करना शुरू करते हैं, तो यह देश की पूरी न्यायपालिका प्रणाली के खिलाफ होगा। आपको अपने मामले की गंभीरता का अंदाजा नहीं है। हम केवल 1 लाख रुपये का जुर्माना लगा रहे हैं। इस तरह के मामले दर्ज करके देश की न्यायपालिका को बदनाम न करें।”