Malaal Movie Review: ‘मलाल’ के निर्माताओं में से एक संजय लीला भंसाली है और साथ ही साथ फिल्म के संगीतकार भी। इस फिल्म की हीरोइन शरमिन सहगल भंसाली की भांजी है। भंसाली की बहन और फिल्म-संपादक बेला सहगल की बेटी। और फिल्म के हीरो मीजान जाफरी हैं जो बॉलीवुड के चर्चित चरित्र अभिनेता जावेद जाफरी के बेटे हैं। इसलिए ये चर्चा तो चलेगी कि ये फिल्म बॉलीवुड में पैर फैलाता-भाई-भतीजा-भांजा-भाजीवाद की नई कड़ी है। बहरहाल इस पहलू को छोड़ दें और मूल बात पर आएं तो सवाल ये है कि फिल्म कैसी है।
तो जवाब ये है कि औसत है। युवा वर्ग को पंसद आने वाली। `मलाल’ पिछली सदी के नवे और आखिरी दशक उस फिल्मी अंदाज में ढली है जिसमें हीरो गली का रंगबाज होता था और फटे हाल परिवार ताल्लुक रखने वाला। और हीरोइन भले घर की होती थी। ये मराठीपन और मुंबईपन लिए हुए हैं। यानी वहां की जीवन शैली, बोली और त्यौहारों की छाप `मलाल’ में है?
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इस फिल्म मे भी शिवा (मीजान) मुंबई की चाल में रहनवाला एक टपोरी जैसा शख्स है। एक दम मराठी मानुस जैसा। कुछ कुछ उत्तर भारतीयों से खफा. और उसका दिल आस्था त्रिपाठी (शरमिन सहगल) आ जाता है जो उत्तर भारतीय पृष्ठभूमि से है। आस्था एक पढ़ने लिखने वाली लड़की है और चार्टर्ड एकाउंटेंट बनना चाहती है। न तो वो खुद न उसके परिवार वाले शिवा को अच्छा बंदा समझते हैं। लेकिन वो कहते न कि कोशिश करते रहो कभी न कभी सफलता मिलेगी। और आस्था को मराठी भी बोल लेती है। सो शिवा कोशिश करता रहा है और आस्था का मन डगमगाने लगता है। क्या हो शिवा की तरफ वैसे ही खिंची चली आएगी जैसी बीते वक्त की हीरोइनों अपने गरीब प्रेमियों की तरफ खिंची चली आती थी? चाहे परिवारवाले और दूसरे लोग इस प्रेम की राह में रोड़े बनें तब भी।
फिल्म का मजबूत पक्ष इसके गाने और इसका संगीत है। खासकर `आईला रे’ बोल वाला गाना। वैसे इस गाने कोबोल शाहरूख खान-ऐश्वर्या राय की फिल्म `जोश’ के गाने याद दिलाते हैं। दूसरे गाने भी अच्छे हैं लेकिन `आइला रे’ वाला गाना युवा वर्ग की जुबान पर चढ़ सकता है? गाने जिस तरह से शूट किए गए हैं उस पर भी भंसाली की छाप है। मीजान का स्क्रीन प्रेजेंस बहुत प्रभावशाली है और नाचते भी अच्छा हैं। शरमन में एक मासूमियत दिखती है। इन दोनों का फिल्मी कैरियर आगे कैसा होगा ये तो फिलहाल कहना कठिन है लेकिन जिस तरह से उनको लांच किया गया है उससे दोनों को आशा रखनी चाहिए। वैसे ये भी बता देना जरूरी है कि `मलाल’ सन् 2004 में आई तमिल फिल्म `7जी रेनबो कॉलोनी’ का हिंदी रिमेक है।