Good Newwz Movie Review, Rating: फिल्म हंसी के कुछ टॉनिक पेश करती है जिनके इस्तेमाल से आप कुछ देर तक, शायद ज्यादा देर तक भी, हंस सकते हैं। हालांकि कहीं कहीं फिल्म में ये हंसी कुछ जगहों पर ऐसी भी हो गई है जिसे अंग्रेजी में ‘नॉन वेज जोक’ कहते हैं। हालांकि इस जुमले को हिंदी के लोग भी बखुबी समझते हैं।

एक शख्स है वरुण बत्रा (अक्षय कुमार)। ये बंदा कार बेचने के शोरूम काम करता है। काम क्या करता है, बस समझ लीजिए कि नौकरी करता है क्योंकि कार बेचने के लिए उसके पास हुनर नहीं है। इसलिए ग्राहक को किसी भी मॉडल की कार खरीदने के लिए पटा नहीं पाता। उसकी पत्नी है दीप्ति बत्रा (करीना कपूर खान)। दीप्ति को एक पत्रकार बताया गया है लेकिन क्या और कहां लिखती पढ़ती हैं या किस न्यूज चैनल में काम करती हैं, ये कहीं दिखाया नहीं गया है। वरुण और दीप्ति की शादी को कई साल हो चुके हैं लेकिन वे निसंतान है। दीप्ति को मां बनने की बहुत इच्छा है। वरुण और दीप्ति पर रिश्तेदारों का भी दबाव है कि जल्द से पिता और मां बने। हमारे समाज में ऐसा होता भी है रिश्तेदार और आस-पड़ोस वाले किसी को निसंतान देखना नहीं चाहते।

खैर, दोनों अपने रिश्तेदारों के दबाव में मुंबई में डॉ जोशी (आदिल हुसैन) की क्लिनिक में जाते हैं, जहां शर्तिया बच्चा होने की गारंटी है। और ये गारंटी दी जाती है आइवीएएफ तकनीक से जिसमें औरत के एग यानी डिंब से पुरुष के शुक्राणु यानी स्पर्म को लैब को मिलाया जाता है और फिर उसे औरत के गर्भाशय में रख दिया जाता है ताकि वो गर्भवती हो सके। होता ये है कि अस्पताल में बत्रा नाम से एक और जोड़ी आती है। हनी बत्रा (दिलजीत दोसांझ) और मोनिका  बत्रा (कियारा आडवाणी) की। अस्पताल के लैब की गलती से दीप्ति के एग के साथ हनी बत्रा का शुक्राणु मिल जाता है और मोनिका के एग के साथ वरुण बत्रा का। अस्पताल में हंगामा खड़ा हो जाता है। कौन किस बच्चे का पिता होगा, इस पर कनफ्यूजन होने लगता है। वरुण ज्यादा परेशान है और उसे लगता है कि दीप्ति को गर्भपात करा लेना चाहिए। दूसरा बत्रा युगल भी कई तरह की परेशानियों में है।

क्या होगा आगे चलकर-यही इस फिल्म में दिखाया गया है। फिल्म हंसी भरपूर है लेकिन आगे चलकर मामला काफी भावनात्मक भी हो जाता है। फिल्म वैसे तो कल्पना के आधार पर बनी है लेकिन वास्तविक जीवन में भी ऐसी कई  खबरें आती रहती हैं। आइवीएफ तकनीक को लेकर भी सामान्य जन को इस फिल्म के माध्यम से जानकारियां मिलती हैं। ‘गुड न्यूज’ शुरू से अंत तक रोचक बनी रहती है। अक्षय कुमार तो अपनी कई अन्य फिल्मों की तरह बड़े मजाकिया लगे हैं। दिलजीत दोसांझ भी। करीना और कियारा भी अपनी अपनी भूमिकाओं में प्रभावशाली हैं। फिल्म बहुत कम संसाधनों में बनी है।