Aligarh की स्टार कास्ट: मनोज बाजपेयी, राजकुमार राव, आशीष विद्यार्थी, सुमित गुलाटी, दिलनाज ईरानी
डायरेक्टर: हंसल मेहता
रेटिंग: साढ़े तीन स्टार्स
मनोज बाजपेयी ने ‘अलीगढ़’ में श्रीनिवास रामचंद्र सिरस नाम के बुजुर्ग प्रोफेसर का किरदार निभाया है। होमोसक्शुअलिटी के सब्जेक्ट पर बॉलीवुड में इससे पहले भी कई फिल्में बन चुकी हैं, लेकिन इस फिल्म के किरदार कुछ अलग दिखते हैं। ‘माई ब्रदर निखिल’ समेत कई फिल्मों में इस प्रकार के सब्जेक्ट उठाए गए, मगर हंसल मेहता का कहानी कहने का अंदाज थोड़ा अलग है।
श्रीनिवास रामचंद्र सिरस (मनोज बाजपेयी) टीचर और ऑथर हैं। उन्हें कविता लिखना भी बेहद पसंद है। वह अकेला है और तन्हाई दूर करने के लिए लता मंगेशकर के गाने सुनना पसंद करता है। फिल्म में राजकुमार राव ने दीपू नाम के शख्स का किरदार निभाया है। दीपू दिल्ली से निकलने वाले वाले एक नेशनल न्यूज पेपर में काम करता है और अलीगढ़ के एक लोकल न्यूजपेपर में सिरस की कहानी पढ़ता है।
सिरस की कहानी 2009 के दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले की याद दिलाता है, जिसमें होम्योसेक्शुअलिटी को अपराध न मानने की बात कही गई थी। मनोज बाजपेयी और राजकुमार राव ने शानदार अभिनय किया है। ‘शाहिद’ की तरह इस फिल्म में भी हंसल मेहता और अपूर्व असरानी ने काफी मेहनत की है। इस फिलम का मुख्य किरदार बेहद भावुक है और आपको सोचने पर मजबूर करता है। राजकुमार राव ने फिलम में मलयालम के साथ हिंदी का अच्छा मिश्रण किया है। इसमें वह बेहद प्रभावी लगते हैं।
‘अलीगढ़’ की कहानी एक सत्य घटना से प्रेरित है। प्रोफेसर श्रीनिवास रामचंद्र सिरस, जिन्हें साल 2010 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से निकाल दिया गया था। यह कदम तब उठाया गया, जब उन्हें एक रिक्शावाले के साथ शारीरिक संबंधों में लिप्त पाया गया था।