ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रत्नों का व्यक्ति के जीवन में काफी महत्व होता है। अक्सर लोग अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए रत्नों को धारण करते हैं। रत्नों का प्रभाव लोगों के करियर, शिक्षा और पारिवारिक रिश्तों के साथ-साथ उनके स्वभाव पर भी पड़ता है, ऐसा ही एक रत्न है पुखराज। पुखराज देवताओं के गुरु बृहस्पति का रत्न माना जाता है।
धनु और मीन राशि के लिए शुभ: गुरु बृहस्पति का रत्न होने के कारण पुखराज सबसे अधिक शुभ परिणाम धुन और मीन राशि वालों को ही देता हैं। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक व्यक्ति को अपनी राशि के आधार पर रत्न धारण करने चाहिए, क्योंकि अगर कोई रत्न सूट न करे तो उसके गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं। पुखराज ऐसे लोगों को धारण करना चाहिए, जिनकी कुंडली में बृहस्पति ग्रह कमजोर स्थिति में है। पीले रंग का यह रत्न न सिर्फ व्यक्ति के मान-सम्मान में वृद्धि करता है बल्कि जातक का घर भी धन-धान्य से भर जाता है।
पुखराज के लाभ: ज्योतिषाचार्यों के अनुसार जो लोग पुखराज रत्न को धारण करते हैं, उन्हें बिजनेस, संपत्ति, धन और रोजगार में लाभ मिलता है। साथ ही जिन लोगों की शादी में रुकावट आ रही है,अगर वह इस रत्न को धारण कर लें तो उनकी भी सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। पुखराज व्यक्ति के साहस, चैतन्य और आकलन की शक्ति में वृद्धि करता है। साथ ही बृहस्पति दोष को ठीक करने और धन लक्ष्मी की प्राप्ति में मदद करता है।
कौन लोग कर सकते हैं पुखराज धारण: जिन लोगों की कुंडली में बृहस्पति ग्रह कमजोर स्थिति में होता है, उन्हें अक्सर पुखराज धारण करने की सलाह दी जाती है। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु और मीन राशि के जातकों के लिए यह रत्न शुभ परिणाम लेकर आता है। माना जाता है कि यदि मेष राशि के लोग इस रत्न को धारण करते हैं तो उनके धन प्राप्ति के योग बनते हैं।
ये लोग धारण करने से बचें: वृष, मिथुन, कन्या, तुला, मकर और कुंभ राशि के जातकों को पुखराज धारण करने से बचना चाहिए। साथ ही जिन लोगों की कुंडली में बृहस्पति छठे, आठवें और 12वें स्थान पर हैं, उन्हें भी ये रत्न नहीं पहनना चाहिए। इस रत्न को धारण करने से पहले एक बार किसी ज्योतिष से परामर्श जरूर कर लें।