Year ender 2025 bhadra kaal vrat tyohar list: हिंदू धर्म में भद्रा काल का विशेष महत्व है। ज्योतिषियों के अनुसार, इस दौरान किसी भी शुभ कार्य को करना वर्जित होता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि भद्रा काल में किए गए कार्य अक्सर सफल नहीं होते। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भद्रा सूर्य देव और माता छाया की पुत्री हैं और रिश्ते में शनि देव की बहन मानी जाती हैं। कथा के अनुसार, देवी भद्रा का जन्म राक्षसों का संहार करने के लिए हुआ था, लेकिन उनकी क्रोधी प्रवृत्ति के कारण मनुष्य और देवता दोनों ही परेशान हो गए थे। ऐसे में इन्हें नियंत्रित करने के लिए ब्रह्मा जी ने पंचांग में भद्रा के रूप में विशेष स्थान दिया। साल 2025 में कई व्रत और त्योहार भद्रा काल के साये में मनाए गए। ऐसे में आइए जानते हैं उन व्रत-त्योहारों के बारे में जिन पर इस साल भद्रा का प्रभाव रहा।
जनवरी 2025
जनवरी 2025 में कई प्रमुख व्रत और त्योहार हैं, जो भद्रा काल के साये में मनाए गए। इनमें 3 जनवरी को पौष विनायक चतुर्थी, 7 जनवरी को मासिक दुर्गाष्टमी, 10 जनवरी को पौष पुत्रदा एकादशी, 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा व्रत के साथ महाकुंभ की शुरुआत और लोहड़ी, 17 जनवरी को सकट चौथ और 27 जनवरी को मासिक शिवरात्रि एवं प्रदोष व्रत शामिल हैं।
फरवरी 2025
फरवरी 2025 में प्रमुख व्रत-त्योहार इस प्रकार हैं – 1 फरवरी को विनायक चतुर्थी, 2 फरवरी को बसंत पंचमी, 8 फरवरी को जया एकादशी, 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा व्रत के साथ कुंभ संक्रांति और गुरु रविदास जयंती तथा 26 फरवरी को महाशिवरात्रि।
मार्च 2025
3 मार्च को विनायक चतुर्थी, 10 मार्च को आमलकी एकादशी, 13 मार्च को होलिका दहन और फाल्गुन पूर्णिमा व्रत, 17 मार्च को भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी, 21 मार्च को शीतला सप्तमी और 27 मार्च को मासिक शिवरात्रि एवं प्रदोष व्रत।
अप्रैल 2025
1 अप्रैल को विनायक चतुर्थी, 8 अप्रैल को कामदा एकादशी, 12 अप्रैल को हनुमान जयंती और चैत्र पूर्णिमा व्रत, 16 अप्रैल को विकट संकष्टी चतुर्थी और 26 अप्रैल को मासिक शिवरात्रि।
मई 2025
1 मई को विनायक चतुर्थी, 8 मई को मोहिनी एकादशी, 11 मई को नरसिंह जयंती, 12 मई को बुद्ध पूर्णिमा और वैशाख पूर्णिमा व्रत, 15 मई को वृषभ संक्रांति, 16 मई को एकदंत संकष्टी चतुर्थी, 23 मई को अपरा एकादशी, 25 मई को मासिक शिवरात्रि, 26 मई को वट सावित्री व्रत और 30 मई को फिर से विनायक चतुर्थी।
जून 2025
6 जून को निर्जला एकादशी, 10 जून को सावित्री पूर्णिमा व्रत, 11 जून को कबीरदास जयंती और ज्येष्ठ पूर्णिमा, 14 जून को कृष्ण पिंगल संकष्टी चतुर्थी, 21 जून को योगिनी एकादशी और 28 जून को विनायक चतुर्थी।
जुलाई 2025
6 जुलाई को देवशयनी एकादशी, 10 जुलाई को कोकिला व्रत, गुरु पूर्णिमा व्रत और आषाढ़ पूर्णिमा, 14 जुलाई को पहला सावन सोमवार व्रत और गजानन संकष्टी चतुर्थी व्रत, 16 जुलाई 2025 को कर्क संक्रांति, 23 जुलाई को सावन शिवरात्रि, 28 जुलाई को सावन तीसरा सोमवार और विनायक चतुर्थी व्रत
अगस्त 2025
5 अगस्त 2025 को सावन पुत्रदा एकादशी है, 9 अगस्त को रक्षाबंधन और सावन पूर्णिमा व्रत है। 12 अगस्त को कजरी तीज, बहुला चौथ और संकष्टी चतुर्थी और 15 अगस्त को जन्माष्टमी पर रहा भद्रा का साया
सितंबर 2025
3 सितंबर, परिवर्तिनी एकादशी, 4 सितंबर वामन जयंती, 7 सितंबर भाद्रपद पूर्णिमा व्रत और चंद्र ग्रहण, 10 सितंबर विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी, 17 सितंबर को एकादशी श्राद्ध, इंदिरा एकादशी और कन्या संक्रांति पर रहा भद्रा का साया।
अक्टूबर 2025
3 अक्टूबर को पापांकुशा एकादशी, 6 अक्टूबर को कोजागर पूजा और शरद पूर्णिमा, 13 अक्टूबर को अहोई अष्टमी, 20 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी, लक्ष्मी पूजा और दिवाली, 25 अक्टूबर को विनायक चतुर्थी पर भद्रा का साया था।
नवंबर 2025
1 नवंबर को देवउठनी एकादशी, 2 नवंबर को तुलसी विवाह, 4 नवंबर को बैकुंठ चतुर्दशी और मणिकर्णिका स्नान, 5 नवंबर को देव दिवाली, गुरु नानक जयंती और कार्तिक पूर्णिमा, 15 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी, 18 नवंबर 2025 को मासिक शिवरात्रि, 24 नवंबर को विनायक चतुर्थी पर भद्रा का साया था।
दिसंबर 2025
1 दिसंबर को मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती, 4 दिसंबर को अन्नपूर्णा जयंती, दत्तात्रेय जयंती और मार्गशीर्ष पूर्णिमा, 30 दिसंबर को पौष पुत्रदा एकादशी 31 दिसंबर को बैकुंठ एकादशी।
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