वैदिक ज्योतिष में किसी ग्रह के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए मंत्र और रत्न का वर्णन मिलता है। वहीं मंत्रों को जपने के लिए माला का प्रयोग किया जाता है। उस माला में दानों की संख्या 108 होती है और ऊपर सुमेरु होता है। लेकिन क्या आपको पता है माला में दानोंं की संख्या 108 ही क्यों होती है। आपको बता दें कि ज्योतिष शास्त्र में नक्षत्रों का संख्या 27 होती है। वहीं हर नक्षत्र के 4 चरण होते हैं और 27 नक्षत्रों के कुल चरण 108 ही होते हैं। माला का एक-एक दाना नक्षत्र के एक-एक चरण का प्रतिनिधित्व करता है। आइए जानते हैं अन्य वैज्ञानिक और धार्मिक कारण…

500 साल बाद बनेंगे हंस और मालव्य महापुरुष राजयोग, 2026 में इन राशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन, करियर और कारोबार में तरक्की के योग

राशियों और नवग्रह से 108 अंक का संबंध

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक ब्रह्मांड को 12 भागों में विभाजित किया गया है। मतलब ब्रह्मांड में 12 राशियां हैं। इन 12 राशियों के नाम मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ और मीन हैं। इन 12 राशियों पर नवग्रह सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु का आधिपत्य हैं। ऐसे में ग्रहों की संख्या 9 का गुणा 12 राशियों से किया जाए तो संख्या 108 प्राप्त हो जाती है। इसलिए 108 अंक की माला होती है। 

सूर्य की कलाओं से 108 अंक का संबंध

खगोल शास्त्र के मुताबिक एक साल में सूर्य 216000 कलाएं बदलते हैं। मतलब सूर्य देव साल में दो बार अपनी स्थिति भी बदलते हैं। सूर्य देव छह माह उत्तरायण रहते हैं और छह माह दक्षिणायन। इसलिए सूर्य छह महीने की एक स्थिति में 108000 बार कलाएं बदलते हैं। ऐसे में सूर्य देव की कला से माला में 108 दानों का संबंध बनता है। जिस कारण माला में 108 दाने होते हैं।

108 अंक का वैज्ञानिक कारण

विज्ञान के अनुसार 24 घंटे में एक व्यक्ति करीब 21600 बार सांस लेता है। वहीं दिन के 24 घंटों में से 12 घंटे दैनिक कार्य करता है और बचे 12 घंटों में व्यक्ति सांस लेता है 10800 बार। इसी समय में देवी-देवताओं का ध्यान करना चाहिए। लेकिन इतनी बार व्यक्ति जप नहीं कर सकता है। इसीलिए 10800 बार सांस लेने की संख्या से अंतिम दो शून्य हटाकर जप के लिए 108 संख्या निर्धारित की गई है। वहीं इसके कारण ही माला में 108 दाने होते हैं। 

500 साल बाद बनेंगे हंस और मालव्य महापुरुष राजयोग, 2026 में इन राशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन, करियर और कारोबार में तरक्की के योग

108 अंक का अर्थ

1= एकत्व, एकता

0= पूर्णता

8= सृष्टि और पुनर्जन्म का अनंत और अंतहीन चक्र।

यह भी पढ़ें:

मेष राशि का 2025 से 2030 का वर्षफलवृष राशि का 2025 से 2030 का वर्षफल
मिथुन राशि का 2025 से 2030 का वर्षफलकर्क राशि का 2025 से 2030 का वर्षफल
सिंह राशि का 2025 से 2030 का वर्षफलकन्या राशि का 2025 से 2030 का वर्षफल
तुला राशि का 2025 से 2030 का वर्षफलवृश्चिक राशि का 2025 से 2030 का वर्षफल
धनु राशि का 2025 से 2030 का वर्षफलमकर राशि का 2025 से 2030 का वर्षफल
कुंभ राशि का 2025 से 2030 का वर्षफलमीन राशि का 2025 से 2030 का वर्षफल