Shani Dev: वैदिक ज्योतिष में शनि देव को कर्मफल दाता और न्याय प्रदाता माना जाता है। मतलब शनि देव व्यक्ति को कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। वहीं अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि देव अशुभ स्थित हो या फिर व्यक्ति पर शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती का प्रभाव चल रहा हो तो व्यक्ति शाऱीरिक और मानसिक रूप से परेशान रहता है। साथ ही उसके बनते – बनते काम बिगड़ जाते हैं।
साथ ही उसको भाग्य का साथ नहीं मिलता है। इसलिए शनि देव के प्रकोप से बचने के लिए लोग शनि देव को अपने- अपने तरीके पूजा करके प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। लेकिन क्या आपको पता हैं शनि देव का पौधों से संबंध होता है। मतलब अगर ये दो पौधे कोई व्यक्ति लगाएं तो उसको शनि दोष से मुक्ति मिल सकती है। इन पौधों का नाम है शमी का पौधा और पीपल का पौधा। आइए जानते हैं इन पौधों को लगाने के लाभ…
इस दिशा में लगाएं शमी का पौधा
वास्तु अनुसार शमी का पौधा ईशान कोण (पूरब और उत्तर) में लगाना लाभकारी माना गया है। आपको बता दें कि शनि की कृपा प्राप्त करने और उसकी पीड़ा से मुक्ति के लिए शमी के पौधे का विशेष प्रयोग होता है। साथ ही शमी का पौधा किसी भी स्थिति में जीवित रह सकता है। मान्यता है कि जो व्यक्ति शनिवार के दिन शमी के पौधे के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाता है, उसको शनि दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही यदि शनि जन्मकुंडली में मारक स्थिति में विराजमान हो तो शमी की लड़की से हवन करना चाहिए। वहीं साढ़ेसाती और ढैय्या में भी इस पौधे की पूजा करनी चाहिए।
पीपल के पेड़ से है शनि देव का संबंध
वास्तु अनुसार पश्चिम (West) दिशा में पीपल का पौधा लगाना शुभ माना जाता है। शमी की तरह ही पीपल के पेड़ का संबंध शनि देव से माना जाता है। आपको बता दें कि पीपल को शनि के ईष्ट श्री कृष्ण का स्वरूप माना जाता है। इसलिए शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक शाम को जलाना चाहिए। साथ ही , शनि के कारण संतान या समृद्धि में बाधा आ रही हो तो ढेर सारे पीपल के पौधे लगवाने चाहिए। वहीं पीपल के पेड़ की पूजा करने से पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है।