Weekly Vrat Tyohar 02 To 08 December 2024: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के बाद हिंदू पंचांग का नौवां महीना यानि मार्गशीर्ष का महीना शुरू हो जाता है। इस महीने को अगहन के नाम से भी जाना जाता है। पंचांग के अनुसार, इस वर्ष 16 नवंबर से मार्गशीर्ष माह की शुरुआत हुई है। सनातन धर्म में इस महीने को बहुत पवित्र माना गया है। इस माह में स्नान-दान का भी विशेष महत्व होता है। वहीं व्रत-त्योहार के लिहाज से भी महीना काफी महत्वपूर्ण है। फिलहाल आज यानि 2 दिसंबर से नया हफ्ता शुरू हो चुका है और इस हफ्ते (02 दिसंबर से लेकर 08 दिसंबर तक) कई व्रत आएंगे जिसमें विवाह पंचमी, भानु सप्तमी सहित ये पर्व मनाए जाएंगे। ऐसे में आइए आज हम आपको बताते हैं इस सप्ताह में पड़ने वाले व्रत-त्योहारों की तारीख और महत्व के बारे में।
2 से 8 दिसंबर 2024 के व्रत-त्योहारों की पूरी लिस्ट (Weekly Vrat Tyohar 02 To 08 December 2024)
5 दिसंबर 2024: विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi 2024)
विनायक चतुर्थी भगवान गणेश की पूजा का खास दिन है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत रखने से सारी परेशानियां दूर होती हैं और मनचाही सफलता मिलती है। विनायक चतुर्थी के दिन भक्त व्रत रखते हैं और गणेश जी की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं। इसके साथ ही उन्हें मोदक, दूर्वा और लाल फूल चढ़ाते हैं। मान्यता है कि गणेश जी की पूजा से घर में सुख-समृद्धि आती है और हर काम में सफलता मिलती है।
6 दिसंबर 2024: विवाह पंचमी (Vivah Panchami 2024)
विवाह पंचमी भगवान राम और माता सीता के विवाह का दिन है। इस दिन भगवान राम और सीता माता की पूजा की जाती है। लोग सुबह नहा-धोकर मंदिरों में दीप जलाते हैं और रामचरितमानस का पाठ करते हैं। यह दिन शादीशुदा जिंदगी में खुशहाली लाने वाला होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पूजा करने से घर में प्रेम और शांति बनी रहती है।
7 दिसंबर 2024: चंपा षष्ठी (Champa Shashthi 2024)
चंपा षष्ठी भगवान कार्तिकेय की पूजा का दिन है। कार्तिकेय को साहस और शक्ति का देवता माना जाता है। इस दिन व्रत रखा जाता है और भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है। पूजा में लाल फूल, धूप और दीप चढ़ाए जाते हैं। इसके साथ ही भक्त खास मंत्रों का जाप करते हैं और भगवान के भजन गाते हैं। कहा जाता है कि इस दिन पूजा करने से मन में आत्मविश्वास और साहस बढ़ता है।
8 दिसंबर 2024: भानु सप्तमी (Bhanu Saptmi 2024)
भानु सप्तमी भगवान सूर्य को समर्पित है। इस दिन सूरज की पूजा की जाती है। भानु सप्तमी के दिन सुबह जल्दी उठकर नहाने के बाद सूर्य देव को जल चढ़ाया जाता है। लाल फूल और गुड़ से सूर्य देव की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन सूर्य मंत्र का जाप करने से सेहत अच्छी रहती है और घर में सुख-समृद्धि आती है।
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