Vishwakarma Puja 2025 Date Time, Puja Vidhi, Mantra, Puja Samagri List: हिंदू धर्म में विश्वकर्मा पूजा का खास महत्व है। इस दिन को विश्वकर्मा जयंती के रूप में मनाया जाता है। क्योंकि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था। वहीं आपको बता दें कि इस दिन अस्त्र और शस्त्र की पूजा भी की जाती है। साथ ही शिल्पकार और यंत्रों के देवता भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना करने का विधान है। मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा ने ही सतयुग में स्वर्ग, त्रेतायुग में लंका, द्वापर में द्वारिका और कलियुग में जगन्नाथ मंदिर की मूर्तियों का निर्माण किया था। यह पर्व बिहार, बंगाल और झारखंड समेत देश के कई राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल विश्वकर्मा पूजा आज 17 सितंबर को मनाई जाएगी। वहीं इस दिन शिव और गौरी योग भी बन रहा है। जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। साथ ही त्रिग्रही योग भी बन रहा है। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त और पूजा सामग्री…

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पूजा का शुभ मुहूर्त 2025

सूर्य देव 17 सितंबर (16 सितंबर की रात) को देर रात 01 बजकर 55 मिनट पर कन्या राशि में गोचर करेंगे। इसलिए 17 सितंबर को पुण्य काल सुबह 05 बजकर 36 मिनट से लेकर दिन में 11 बजकर 44 मिनट तक है। वहीं, महा पुण्य काल सुबह 05 बजकर 36 मिनट से सुबह 07 बजकर 39 मिनट तक है। वहीं पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7:50 बजे से दोपहर 12:26 बजे तक रहेगा। इस समय में पूजा करने से विशेष फल मिलता है। वहीं अगर मुहूर्त मिस हो जाए, तो शाम 6 बजे तक पूजा कर सकते हैं।

विश्वकर्मा पूजा सामग्री लिस्ट

भगवान विश्वकर्मा की तस्वीर या मूर्ति लकड़ी की चौकी, पीला कपड़ा, नवग्रह, मिट्टी का कलश, जनेऊ हल्दी, रोली, अक्षत, सुपारी, मौली, लौंग, कपूर, देसी घी, हवन कुंड, आम की लकड़ी, गंगाजल इलायची, सूखा गोला, जटा वाला नारियल, फल-मिठाई, इत्र, दही, खीरा, शहद, पंचमेवा आदि…

विश्वकर्मा पूजा के दिन इन मंत्रों का करें जाप

  • ओम आधार शक्तपे नम:।
  • ओम् कूमयि नम:।
  • ओम अनन्तम नम:।
  • पृथिव्यै नम: मंत्र।
  • ॐ धराधराय नमः
  • ॐ स्थूतिस्माय नमः
  • ॐ विश्वरक्षकाय नमः
  • ॐ दुर्लभाय नमः
  • ॐ स्वर्गलोकाय नमः
  • ॐ पंचवकत्राय नमः
  • ॐ विश्वलल्लभाय नमः
  • ॐ धार्मिणे नमः

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