Vishwakarma Puja 2020 Date: विश्वकर्मा पूजा का पर्व विश्वकर्मा जी के जन्मदिवस के दिन मनाया जाता है। हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को विश्वकर्मा पूजा मनाई जाती है। इस साल विश्वकर्मा पूजा 16 सितंबर, बुधवार को मनाई जाएगी। इस दिन को विश्वकर्मा डे भी कहा जाता है। यह त्योहार ऋषि विश्वकर्मा के प्राक्टय के खुशी में मनाया जाता है। इस दिन कंपनियों और कारखानों में ऋषि विश्वकर्मा के साथ ही औजारों, मशीनों और अस्त्रो-शस्त्रों की भी पूजा की जाती है।

कहलाते हैं दुनिया के पहले इंजीनियर
भगवान विश्वकर्मा को दुनिया का पहला शिल्पकार माना जाता है। कहते हैं कि विश्वकर्मा जी ने ही इंद्रनगरी, यमपुरी, वरुणपुरी, पांडवपुरी, कुबेरपुरी, शिवमंडलपुरी और सुदामापुरी बसाई थी। उन्हें निर्माण और सृजन का स्वामी माना गया है। माना जाता है कि इस दिन जो कारोबारी ऋषि विश्वकर्मा की उपासना करते हैं उन्हें व्यापार में तरक्की हासिल होती है।

देवताओं के लिए बनाए कई हथियार
संसार में विश्वकर्मा जी की अमूल्य देन का आभार प्रकट करने के लिए इस दिन उनकी पूजा की जाती है। माना जाता है कि विश्वकर्मा जी ने ही भगवान विष्णु के लिए सुदर्शन चक्र और भगवान शिव के लिए त्रिशूल बनाया था। साथ ही कहा जाता है कि पुष्पक विमान की रचना भी ऋषि विश्वकर्मा ने ही की थी। विश्वकर्मा जी को वास्तु कला और शिल्पकला के क्षेत्र में गुरु की उपाधि दी गई है। कहते हैं कि ऋषि विश्वकर्मा अस्त्र-शस्त्र, घर-नगर और महल आदि बनाने में निपुण हैं। उनकी इस कुशलता की वजह से ही उन्हें पूजनीय माना जाता है।

श्री कृष्ण की द्वारिका और रावण की लंका बनाने का है श्रेय
श्रीमद्भाग्वद में बताया गया है कि द्वारिका में घर, नगर, महल, सड़कों और गलियों का निर्माण स्वयं ऋषि विश्वकर्मा ने किया था। बताया जाता है कि द्वारिका पूरी तरह से वास्तु शास्त्र के मुताबिक बनाई गई थी। वाल्मीकि रामायण के मुताबिक विश्वकर्मा जी ने ही सोने की लंका का निर्माण किया था।