वास्तु शास्त्र में मनुष्य की खुशहाल जिंदगी को लेकर कई चीजों का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है। मान्यता है कि हर चीज में अपनी एक ऊर्जा होती है, जो व्यक्ति पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के प्रभाव डालती है। वास्तु शास्त्र में हर चीज की अपनी एक दिशा और काम करने का सही तरीका बताया गया है, काम को सही तरीके से पूरा ना करने पर वास्तुदोष हो सकता है।

कई बार ऐसा होता है कि हम जाने-अनजाने में कुछ जगहों पर जूते-चप्पल पहनकर चले जाते हैं। जो वास्तुदोष का कारण बन सकते हैं। शास्त्रों में ऐसी 4 जगहों का जिक्र किया गया है जहां पर जूते-चप्पल पहनकर जाना अशुभ माना जाता है। ऐसी जगहों पर जूते-चप्पल पहनकर जाने से आपको मुश्किलों का सामना कर पड़ सकता है।

इन जगहों पर भूलकर भी ना पहनकर जाएं चप्पल:

-भंडार घर: भंडार घर में भूलकर भी जूते-चप्पल पहनकर ना जाएं। वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं और आपके घर में अन्न-धन की कमी जैसी समस्याएं आ सकती हैं। अगर इस बात का हमेशा ध्यान रखा जाए, तो घर में कभी भी अन्न की कमी नहीं आती।

-तिजोरी के आसपास: वास्तु शास्त्र के अनुसार जो लोग तिजोरी के आसपास या फिर उसे खोलते समय जूते-चप्पल पहनकर रखते हैं। उनसे मां लक्ष्मी रुष्ट हो सकती हैं। जिसके कारण आपको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में तिजोरी में कुछ भी रखने से पहले हमेशा जूते-चप्पल को निकाल देना चाहिए।

-मंदिर: मंदिर में भगवान की मूर्तियां विराजमान होती हैं और हिंदू धर्म में भगवान को सबसे ऊंचा दर्जा दिया गया है। ऐसे में मंदिर में जूते-चप्पल पहनकर जाने से देवता रुष्ट हो सकते हैं। इसलिए मंदिर में कभी भी जूते-चप्पल पहनकर नहीं जाना चाहिए।

-रसोई घर: रसोई घर में मां अन्नपूर्णा का वास होता है। इसलिए हिंदू धर्म में मान्यता है कि अन्न का कभी भी निरादर नहीं करना चाहिए। ऐसे में रसोई घर में कभी-भी जूते-चप्पल पहनकर ना तो जाना चाहिए और ना ही खाना बनाना चाहिए। ऐसा करने से मां अन्नपूर्णा नाराज हो सकती हैं। जिसके कारण लोगों के जीवन में कठिनाइयां आती हैं।