Vastu Tips for Flowers In Puja: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के दौरान चढ़ाए जाने वाले फूलों का विशेष महत्व होता है। वहीं, सनातन धर्म में हर फूल किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित माना गया है। लेकिन कुछ फूल ऐसे भी हैं जिन्हें भगवान को अर्पित करना वर्जित माना गया है। दरअसल, धार्मिक ग्रंथों और पुराणों के अनुसार, पूजा के दौरान इन फूलों का उपयोग करने से देवी-देवता रुष्ट हो सकते हैं। साथ ही इससे पूजा का फल भी नहीं प्राप्त होता है। इसलिए पूजा में फूलों का चयन करते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। ऐसे में आइए जानते हैं कि कौन से ये फूल हैं जिन्हें भगवान को अर्पित करने से वह नाराज हो सकते हैं।
प्रेमानंद महाराज ने बताया ये 6 चीजें इंसान को बनाती हैं कंगाल और रोगी, आज ही बना ले इनसे दूरी
केतकी का फूल
ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव की पूजा में भूल से भी केतकी का फूल अर्पित नहीं करना चाहिए। दरअसल, एक कथा के अनुसार, एक बार केतकी के फूल ने असत्य का साथ दिया था, जिससे भगवान शिव अप्रसन्न हुए और तभी से केतकी को उनकी पूजा में वर्जित कर दिया गया। इसलिए शिव पूजन के समय इस फूल का प्रयोग नहीं किया जाता है।
अगस्त्य के फूल
शास्त्रों में उल्लेख है कि भगवान विष्णु की पूजा में अगस्त्य के फूल अर्पित नहीं करने चाहिए। इसके अलावा माधवी और लोध के फूलों का भी उपयोग वर्जित माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि इन फूलों को अर्पित करने से नारायण भगवान नाराज हो सकते हैं।
यह भी पढ़ें:
मुरझाए या टूटे हुए फूल
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस बात का खास ध्यान रखें कि कभी भी देवी-देवताओं को मुरझाए, गिरे या टूटे हुए फूल नहीं अर्पित करने चाहिए। क्योंकि ये फूल अशुद्ध माने जाते हैं। ऐसे में इन्हें अर्पित करने से भगवान आपसे नाराज हो सकते हैं।
दूषित फूल
जो फूल दूषित हो उन्हें भी भगवान की पूजा में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से अशुभ फल प्राप्त होते हैं।
कनेर का फूल
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान राम की पूजा में कभी भी कनेर के फूलों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो इससे पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होगा।
यह भी पढ़ें…
धर्म संबंधित अन्य खबरों के लिए क्लिक करें
डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।