Utpanna Ekadashi 2025 Date: सनातन धर्म में एकादशी व्रत का खास महत्व है। एकादशी का व्रत माह में 2 बार आता है। एक शुक्ल पक्ष में तो दूसरा कृष्ण पक्ष में, वहीं यहां हम बात करने जा रहे हैं उत्पन्ना एकादशी के बारे में, जिसका व्रत मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को रखा जाता है। इस साल उत्पन्ना एकादशी का व्रत 15 नवंबर को रखा जाएगा। साथ ही इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा और व्रत रखने से जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के अनुसार इसी दिन एकादशी का जन्म हुआ था। वहीं यहां हम आपको कुछ ऐसी गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनको एकादशी के दिन करने से व्रत का फल अधूरा रह जाता है। आइए जानते हैं इन गलतियों के बारे में…
Utpanna Ekadashi 2025 Date: 15 या 16 नवंबर कब रखा जाएगा उत्पन्ना एकादशी का व्रत? जानिए तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पारण समय और आरती
चावल का सेवन
एकादशी तिथि पर अनाज, विशेषकर चावल, का सेवन वर्जित माना गया है। शास्त्रों में कहा गया है कि एकादशी के दिन अनाज ग्रहण करना पाप समान होता है। ऐसा करने भगवान विष्णु नाराज हो सकते हैं। शास्त्रों में एकादशी के दिन अन्न का त्याग करने का विधान है। इसके बजाय आप फल, दूध, या व्रत में खाए जाने वाले सात्विक आहार जैसे कुट्टू, सिंघाड़ा, साबूदाना आदि का सेवन कर सकते हैं।
बह्राचर्य का करें पालन
एकादशी के दिन व्यक्ति को बह्राचर्य का पालन करना चाहिए। साथ ही मन में सात्विक भाव रखने चाहिए।
तामसिक भोजन नहीं करें
उत्पन्ना एकादशी के दिन तामसिक भोजन जैसे मांस, मदिरा, प्याज और लहसुन का सेवन वर्जित है। ऐसा करने से मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु रुष्ट हो सकते हैं। साथ ही ये चीजें व्रत की पवित्रता को भंग करती हैं। वहीं व्रत वाले दिन इन चीजों का सेवन करने से व्रत का फल नष्ट हो जाता है।
झूठ और कटु वचन नहीं बोलें
एकादशी की तिथि पर दिन झूठ बोलना, कटु शब्द कहना या किसी की निंदा करना व्रत की ऊर्जा को कमजोर करता है। इसलिए पूरे दिन शांत और संयमित रहें।
तुलसी दल जरूर करें अर्पित
उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान विष्णु को तुलसी दल अर्पित करना अत्यंत शुभ माना गया है। इसलिए इस दिन तुलसी दल जरूर अर्पित करें।
