Lunar Eclipse 2022 November 8 in India: आंशिक सूर्य ग्रहण के एक पखवाड़े बाद भारत और दुनिया के कुछ हिस्सों में 8 नवंबर को पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखाई देने वाला है। यह 2022 का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण होगा। 8 नवंबर, 2022 को चंद्रमा पृथ्वी की छाया में गुजरेगा और लाल रंग का हो जाएगा; जिसे ब्लड मून भी कहा जाता है। ऐसा खूबसूरत नजारा लगभग 3 वर्षों के बाद भी दिखाई देगा। आइए जानते हैं कि कब, कहां और कैसे दिखाई देगा यह अंतिम पूर्ण चंद्रग्रहण-

इन देशों में दिखाई देगा पूर्ण चंद्रग्रहण

भारत और पड़ोसी पाकिस्तान, अफगानिस्तान और रूस के कुछ हिस्सों के अलावा, एशिया, उत्तरी और दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अटलांटिक महासागर, प्रशांत महासागर के अन्य हिस्सों में भी यह आकाशीय घटना को देखा जा सकेगा।

पूर्ण चंद्र ग्रहण क्या है?

पूर्ण चंद्र ग्रहण तब होता है जब पूर्णिमा के दिन पृथ्वी के छाया क्षेत्र से होकर चंद्रमा गुजरता है, इस समय कुछ समय के लिए यह ग्रहण लगता है। चंद्र ग्रहण तब होता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक ही रेखा में आ जाते हैं। जिससे चंद्रमा पृथ्वी की छाया में चला जाता है। पूर्ण चंद्र ग्रहण में पूरा चंद्रमा पृथ्वी की काले छाया के सबसे गहरे हिस्से में पड़ता है, जिसे अम्ब्रा (Umbra) कहा जाता है। जब चंद्रमा प्रतिछाया के अंदर होता है, तो वह लाल रंग का हो जाता है। इस घटना के कारण चंद्र ग्रहण को कभी-कभी “ब्लड मून” भी कहा जाता है।

भारत में 8 नवंबर को होने वाले पूर्ण चंद्रग्रहण के चरण

आंशिक चंद्रग्रहण शुरू – दोपहर 2.39 बजे
पूर्ण चंद्र ग्रहण शुरू – दोपहर 3.46 बजे
अधिकतम पूर्ण चंद्रग्रहण – शाम 4:29 बजे
पूर्ण चंद्रग्रहण समाप्त – शाम 5:11 बजे
चंद्रास्त – सुबह 6.19 बजे

भारत में चंद्र ग्रहण

भारत में चंद्र ग्रहण के रूप में भी जाना जाता है, पूर्ण चंद्र ग्रहण केवल पूर्वी भागों से दिखाई देगा जबकि आंशिक ग्रहण भारत के अधिकांश हिस्सों में दिखाई देगा। पूर्ण चंद्र ग्रहण पूरी तरह से हर जगह से नहीं देखा जाएगा, उन्होंने कहा कि ग्रहण के आंशिक चरण की शुरुआत अमेरिका के कुछ देशों से देखी जाएगी।

चंद्र ग्रहण कैसे देखें

चंद्र ग्रहण को देखने के लिए आपको किसी विशेष उपकरण की आवश्यकता नहीं है, हालांकि दूरबीन के माध्यम से देखने से लाल रंग स्पष्ट रूप से दिखाई देगा।

चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा लाल क्यों हो जाता है?

वही घटना जो हमारे आकाश को नीला और हमारे सूर्यास्त को लाल बनाती है, उसी के कारण चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा लाल हो जाता है। इसे रेले स्कैटरिंग (Rayleigh scattering) कहते हैं। चंद्र ग्रहण के दौरान, चंद्रमा लाल हो जाता है क्योंकि चंद्रमा तक पहुंचने वाला एकमात्र सूर्य का प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल से होकर गुजरता है।

कोलकाता में पूर्ण चंद्रग्रहण

कोलकाता सहित पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में चंद्र ग्रहण का पूर्ण चंद्रग्रहण को देखा जा सकेगा, जबकि देश के बाकी हिस्सों में लोग केवल ग्रहण के आंशिक चरण की प्रगति को ही देख पाएंगे।

कोहिमा, अगरतला, गुवाहाटी में पूर्ण ग्रहण दिखेगा

देश के पूर्वी हिस्से में कोहिमा, अगरतला, गुवाहाटी जैसे शहर अपनी स्थिति के कारण कोलकाता से पहले पूर्ण चंद्रग्रहण देख सकेंगे। केवल कोहिमा में अपने अधिकतम चरण में ग्रहण लगभग 16:29 बजे देखा जा सकता है, जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया के सबसे अंधेरे हिस्से को पार कर जाएगा।

दिल्ली, बेंगलुरू और मुंबई में चंद्र ग्रहण का समय

नई दिल्ली में लगभग 17:31 बजे आंशिक ग्रहण का अनुभव होगा, जिसमें चंद्रमा का 66 प्रतिशत अस्पष्ट दिखाई देगा। जबकि बेंगलुरु में चंद्रमा पूरी तरह से 17:57 बजे उदय होगा, जिसमें चंद्रमा का 23 प्रतिशत हिस्सा पृथ्वी की छाया से ढकी होगी। वहीं मुंबई इसे लगभग 18:03 बजे केवल 14 प्रतिशत अस्पष्टता के साथ देखा जा सकेगा।